कीड़े-मकोड़े पानी पर बिना डूबे कैसे चलते हैं
आमतौर पर कीड़ों का वजन इतना कम होता है कि वे पानी के पृष्ठ तनाव या सरफेस टेंशन को तोड़ नहीं पाते। पानी और दूसरे द्रवों का एक गुण है जिसे सरफेस टेंशन कहते हैं। इसी गुण के कारण किसी द्रव की सतह किसी दूसरी सतह की ओर आकर्षित होती है। पानी का पृष्ठ तनाव दूसरे द्रवों के मुकाबले बहुत ज्यादा होता है। इस वजह से बहुत से कीड़े-मकोड़े आसानी से इसके ऊपर टिक सकते हैं। इन कीड़ों का वजन पानी के पृष्ठ तनाव को भेद नहीं पाता। सरफेस टेंशन एक काम और करता है। पेन की रिफिल या कोई महीन नली लीजिए और उसे पानी में डुबोएं। आप देखेंगे कि पानी नली में काफी ऊपर तक चढ़ आता है। पेड़-पौधे जमीन से पानी इसी तरीके से हासिल करते हैं। उनकी जड़ों से बहुत पतली-पतली नलियां निकलकर तने से होती हुई पत्तियों तक पहुंच जाती हैं। सन् 1995 में गणेश प्रतिमाओं के दूध पीने की खबर फैली थी। वस्तुतः पृष्ठ तनाव के कारण चम्मच का दूध पत्थर की प्रतिमा में ऊपर चढ़ जाता था।
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