पुरानी प्रोमोशन प्रणाली जल्द करो बहाल
ऊना — हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ऊना ने अपनी मांगों को लेकर उच्च शिक्षा उपनिदेशक भूप सिंह को ज्ञापन प्रेषित किया है। संघ के प्रधान संजीव सिंह ठाकुर, महासचिव विनोद कुमार, प्रेस सचिव डा. किशोरी लाल शर्मा, वित्त सचिव अशोक कुमार ने मांग करते हुए कहा कि 26 अप्रैल, 2010 से पहले नियुक्त हुए टीजीटी को विकल्प से एक मुश्त छूट दी जाए, वहीं मुख्याध्यापक की पदोन्नति को बहाल किया जाए। उन्होंने मांग की कि पुरानी पदोन्नति प्रणाली को बहाल किया जाए। शिक्षकों ने कहा कि प्रशिक्षित स्नातक अध्यापकों की पदोन्नित 26 अप्रैल, 2010 से पहले सामान्य तौर पर प्रवक्ता के रूप में होती थी, तथा प्रशिक्षित स्नातक अध्यापक टीजीटीएस की वरिष्ठता के अनुसार वह मुख्याध्यापक के पद पर भी पदोन्नत होते थे। परंतु 26 अप्रैल, 2010 के बाद टीजीटी वर्ग को पदोन्नित के समय विकल्प लिया जाने लगा, जिसमें टीजीटी वर्ग या पीजीटी बनेंगे या मुख्याध्यापक जो अध्यापक पीजीटी बनकर अपनी सेवाएं देना चाहते हैं, वे मुख्याध्यापक नहीं बन सकते। उन्होंने कहा कि पीजीटी के लिए विषय अनुसार पदोन्नति होती है, जिससे कुछ विषय विशेष के लिए पदोन्नति जल्द हो जाती है, परंतु कुछ विषयों के लिए पदोन्नति में काफी विलंब हो जाता है। परिणामस्वरूप वरिष्ठ अध्यापक कनिष्ठ और कनिष्ठ अध्यापक वरिष्ठ हो रहे हैं। सभी डीपीई को एकमुश्त छूट देकर प्रवक्ता पदनाम दिया जाए। एक समान वेतन को ध्यान में रखते हुए एक ही समान ग्रेड-पे दिया जाए। उन्होंने 2003 के बाद तैनात कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन प्रणाली के तहत लिया जाए। उन्होंने कहा कि 2003 के बाद नियुक्त सभी विभागों में कार्यरत सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन प्रणाली के तहत पेंशन की कोई गारंटी नहीं है।
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