बागबानी विश्वविद्यालय नौणी, हिमाचल प्रदेश

By: Feb 15th, 2017 12:07 am

जेएन शर्मा, डीन, बागबानी विभाग

बागबानी विश्वविद्यालय में कुल  एक हजार छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया मैरिट के आधार पर की जाती है। इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्र देश के विभिन्न राज्यों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं…

cereerडा. वाईएस परमार नौणी विश्वविद्यालय के तहत आने वाले बागबानी महाविद्यालय की स्थापना 1985 में हुई थी। इसके बाद इस कालेज  ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्तमान में कालेज द्वारा कुल नौ विभिन्न ग्रेजुएट व डिग्री कोर्स चलाए जा रहे हैं। बागबानी विश्वविद्यालय में कुल  एक हजार छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विश्वविद्यालय में प्रवेश की प्रक्रिया मैरिट के आधार पर की जाती है। इस विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्र देश के विभिन्न राज्यों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। विशेष रूप से प्रदेश बागबानी विभाग में नौणी विश्वविद्यालय के छात्र उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यह देश का एकमात्र सरकारी  महाविद्यालय है, जहां पर बागबानी से संबंधित ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स करवाए जा रहे हैं। यही वजह है कि विश्वविद्यालय  में प्रवेश के लिए आवेदन देश भर से आते हैं।

करवाए जाने वाले कोर्स

र्फ्लोरीकल्चर, एंटीमलॉजी, प्लांट पाइथालॉजी, फूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, फ्रूट साइंस, वेजीटेबल साइंस, बायो टेक्नोलॉजी, सीड साइंस व बिजनेस मैनेजमेंट में बीएससी व एमएससी  करवाई जा रही है। इसके लिए पीएचडी डिग्री कोर्स भी महाविद्यालय द्वारा करवाए जा रहे हैं।

कालेज में दी जा रही सुविधाएं

महाविद्यालय के पास अपनी आधुनिक तीस प्रकार की विभिन्न लैब्स हैं। इन लैब्स में शोध कार्य करवाया जाता है। महाविद्यालय के छात्र इन लैब्स में शिक्षा के साथ-साथ शोध कार्य भी कर रहे हैं। महाविद्यालय द्वारा प्लांट पाइथोलॉजी लैब, फ्लोरीकल्चर लैब स्थापित की गई है। इसके अलावा सीड साइंस, वेजिटेबल साइंस, फ्रूट साइंस,  बायो टेक्नोलॉजी, फूड एंड साइंस की भी आधुनिक लैब यहां पर हैं। महाविद्यालय के पास छात्रावास की सुविधा भी उपलब्ध है।

महाविद्यालय द्वारा  तैयार किए गए उत्पाद

महाविद्यालय द्वारा कई खाद्य पदार्थों को अपने स्तर पर तैयार किया जाता है। जिसमें मुख्य रूप से बिस्कुट, खुमानी के बीज से निर्मित तेल, जैम, स्क्वायश, टॉफियां,  मुरब्बा, चटनी सहित कई प्रकार के उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इन उत्पादों को अपने स्तर पर बेचा भी जा रहा है, जिससे महाविद्यालय की आय में बढ़ोतरी हो रही है।

महाविद्यालय के उद्देश्य

  1. महाविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को आत्मनिर्भर बनाना है। यहां से शिक्षा ग्रहण करने के बाद छात्रों को नौकरी के पीछे भागने की आवश्यकता नहीं है। छात्र अपना स्वरोजगार भी शुरू कर सकते हैं।
  2. महाविद्यालय द्वारा हमेशा प्रयास किया जाता है कि छात्रों को आधुनिक तकनीक से अवगत करवाया जाए। महाविद्यालय के छात्रों को ग्रामीणों से जोड़ने का हमेशा प्रयास किया जाता है।
  3. महाविद्यालय का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश में बागबानी को बढ़ावा देना है, ताकि प्रदेश के लोगों की आर्थिक स्थित को मजबूत किया जा सके।
  4. पर्यावरण को बचाए जाने के लिए भी महाविद्यालय द्वारा समय-समय पर प्रयास किया जाता है। ऐसी तकनीक विकसित की जा रही है, जिससे पर्यावरण को नुकसान होने से बचाया जा सके।

-मोहिनी सूद, नौणी


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