‘जिधर देखता हूं, उधर तू ही तू है’

By: Mar 27th, 2017 12:05 am

बिलासपुर – बिलासपुर के धौलरा मंदिर के नजदीक जोनल स्तर पर महिला निरंकारी समागम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता चंडीगढ़ से आई प्रचारक बहन गुरबचन कौर ने की। इस मौके पर हिमाचल के जोन नंबर पांच के अंतर्गत बिलासपुर, मंडी, कुल्लू व लाहुल-स्पीति से लगभग 1600 महिलाओं ने भाग लिया। सभी महिलाओं ने गीत, विचार व नाटक के माध्यम से सद्गुरु सविंद्र हरदेव महाराज की शिक्षाओं का भरपूर वर्णन किया। बहन गुरबचन कौर ने अपने संबोधन में  कहा कि मुनष्य जन्म 84 लाख योनियों के उपरांत मिलता है और केवल इसी में प्रभु की प्राप्ति हो सकती है, जो सद्गुरु द्वारा ही संभव है। जब इनसान ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो कहता है कि जिधर देखता  हूं, उधर तू ही तू है, हर राह में जलवा तेरा हूं व हूं है। उन्होंने महिलाओं को अपने कर्त्तव्य के प्रति सचेत करते हुए कहा कि यदि स्त्री सूझवान और चरित्रवान है, तो वह घर को स्वर्ग बना सकती है, यदि इसके विपरीत है तो घर को नर्क बना सकती है। जहां बहू का कर्त्तव्य सास को मां समझने का है, वहीं बहू के प्रति सास का कर्त्तव्य है कि अपनी बहू को बेटी के समान समझे। महाभारत का जिक्र करते उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि जो तुम मुझे समझ रहे हो, मैं वो नहीं हूं। जब उन्होंने अपना विराट स्वरूप अर्जुन को दिखाया तो चरणों में गिर कर अर्जुन ने कहा भगवान तेरे आगे, पीछे, दाएं व बाएं को नमस्कार।


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