जोहाना को सराहां का कूड़ा मंजूर नहीं

By: Mar 25th, 2017 12:05 am

सराहां  —  कूड़े को लेकर जोहाना गांव व सराहां बाजार के लोग शुक्रवार देर सायं उस समय आमने-सामने हो गए जब बाजार से पिछले तीन महीने का कूड़ा लेकर पंचायत का ट्रैक्टर जोहाना गांव की जमीन में पहुंचा। ग्रामीण उस समय और ज्यादा भड़क गए जब सराहांवासी पुलिस बल के साथ कूड़ा फिंकवाने पहुंचे, जिस पर ग्रामीणों ने साफतौर पर कह दिया कि हमारी जमीन में एक रति भी कूड़ा नहीं गिरेगा। यदि किसी ने जोर जबरदस्ती की तो ग्रामीण कानून का सहारा लेने में भी पीछे नहीं हटेंगे। याद रहे कि सराहां के कूड़े को गिराने के लिए पंचायत के पास अपनी जमीन नहीं है जो अभी तक जोहाना गांव की जमीन में ही कूड़े को गिराती आ रही है। तीन माह पूर्व पंचायत का एक प्रतिनिधिमंडल जमीन की मांग को लेकर जिला उपायुक्त से मिला था, लेकिन बात जहां की तहां ही है। 22 मार्च को पंचायत के प्रतिनिधि पच्छाद के पूर्व विधायक व राज्य योजना बोर्ड उपाध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर से भी मिले थे, जबकि शुक्रवार को यहां आए स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर से सराहां के लोगों ने इस मसले को लेकर मंत्रणा की और अगले ही दिन सराहांवासी पुलिस बल के साथ कूड़े का ट्रैक्टर लेकर जोहाना गांव की जमीन में पहुंच गए, लेकिन उन्हें वहां भारी विरोध का सामना करना पड़ा। गांव जोहाना के लोग एक ईंच भी जमीन देने को तैयार नही है। अनिल शर्मा, नीरज शर्मा, राकेश दत्त, शुभम, राकेश शर्मा, राम गोपाल, बलदेव, संदीप, हरिंद्र, विकास, बलदेव, ब्रजेश, नरेश, जगदीश दत्त, देव स्वरूप, दिनेश, राजकमल एवं समस्त युवा व महिला मंडल ने बताया कि पिछले कई वर्षों से उनकी जमीन को कूड़ादान बनाया हुआ है। इससे फैल रहे प्रदूषण से न केवल पारंपरिक जल स्त्रोत खराब हो रहे हैं, बल्कि पशुओं के लिए भी घातक सिद्ध हो रहा है। पोलिथीन खाने से ग्रामवासियों के कई पशु भी मर चुके हैं। इससे जोहाना गांव में बंदरों का साम्राज्य स्थापित हो गया है। ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने डिग्री कालेज, आईटीआई व हेलीपैड के लिए अपनी कई बीघा जमीन दी, लेकिन वहां कोई संस्थान नहीं खुला उल्टे हमारी जमीन को कूड़े के इस्तेमाल के लिए बेवजह दवाब बनाया जा रहा है जिसे वह बर्दाश्त नहीं करेंगे।


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