दिल्‍ली भ्रमण से बढ़ाएं बच्‍चों का ज्ञान

By: Mar 19th, 2017 12:05 am

पहले समय में  पेपर होते बच्चे कहते थे चलो मम्मी नानी के घर, पर अब यह ट्रेंड पुराना हो गया है। आज बच्चों को नानी के घर नहीं बल्कि अपनी मनपसंद जगह घूमने जाना होता है। इसके लिए सबसे अच्छा यह है कि बच्चों को ऐसी जगह ले जाएं, जहां उन्हें कुछ सीखने को भी मिले और वे एन्जॉय भी कर सकें। हम आपको दिल्ली और मुंबई की कुछ ऐसी ही जगहों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

चिडि़याघर

दिल्ली का चिडि़याघर एशिया के सबसे अच्छे चिडि़याघरों में से एक है। यहां जानवरों और पक्षियों की 22 000 प्रजातियां और 200 प्रकार के पेड़ हैं। यहां मौजूद तरह-तरह के पशु-पक्षियों को देख बच्चे बहुत खुश होते हैं। चिडि़याघर में एक पुस्तकालय भी है, जहां से पेड़-पौधों और पशु- पक्षियों के बारे में जानकारी ली जा सकती है।

तीन मूर्ति भवन

यह भवन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आवास था। अंतरिक्ष, विज्ञान और ब्रह्मांड के रहस्यों में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए तीन मूर्ति भवन का मुख्य आकर्षण है नेहरू तारामंडल। यहां अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित अनेक यंत्र, चित्र प्रदर्शन, स्वचालित मॉडल रखे गए हैं। यहां अर्द्धगोलाकार तारामंडल भी मुख्य आकर्षण का केंद्र है। जहां ज्ञानवर्द्धक चलचित्र के माध्यम से ब्रह्मांड के अनेक रहस्यों का पता लगता है। संग्रहालय के पीछे के भाग में उद्यान भी है। जहां बच्चे बहुत मस्ती करते हैं और वहां मौजूद मोरों के पीछे भागते हैं।

नेशनल साइंस सेंटर

नेशनल साइंस सेंटर में बच्चों को साइंस से संबंधित कई तरह की जानकारियां मिल जाएंगी। यहां नोबेल पुरस्कार विजेता गैलरी नजर आएगी। भारत की गणित, खगोल शास्त्र, मेडिकल, केमिस्ट्री, टेक्नोलॉजी का कला में उपयोग कैसे हुआ, इसके माडल्स दिखेंगे। यहां फन साइंस गैलरी का लुत्फ भी बच्चे उठा सकते हैं। यहां मेसोजोइक काल का युगीन परिवेश भी दिखाया गया है, जहां बच्चे खूब आनंद लेते हैं। यहां सौर ऊर्जा, आविष्कारों और वैज्ञानिकों के बारे में भी पूरी जानकारी मिलती है।

नेशनल रेल म्यूजियम

यहां पर रेल इंजनों के अनेक मॉडल और कोच हैं, जिसमें भारत की पहली रेल का मॉडल और इंजन भी शामिल हैं। ऐसी कई अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारियां यहां बच्चों को मिलेगी, जिससे उनका ज्ञान बढ़ेगा। यहां ट्वाय ट्रेन भी है, जिसमें वे सैर का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा यहां कई बुक स्टाल भी हैं, जिसमें कई ज्ञानवर्द्धक पुस्तकें देखने को मिलेंगी। तिब्बती हस्तशिल्प का प्रदर्शन भी यहां किया गया है। यहां बच्चों के खेलने के लिए खुली जगह भी है। ट्रेन में बैठकर भी बच्चे सफर कर सकते हैं।


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