निरपराधी मोहन को राजा ने फांसी पर लटकाया

By: Mar 1st, 2017 12:05 am

भाइयों ने कहा हम राजा से प्रार्थना करके तुम्हें छुड़वा लेंगे, किंतु यदि हम यह कह दें कि खून हमने किया है तो हमें छुड़वाने वाला कोई नहीं होगा। भोला मोहन को फांसी की सजा सुना दी। गांव के लोग निरपराध को फांसी पर लटकते देख कर रो पड़े…

मोहणा गाथा

भाइयों ने सीधे-सीधे मोहन को कहा कि तुम यह मान लेना कि खून तुम्हारे द्वारा हुआ है। हम राजा से प्रार्थना करके तुम्हें छुड़वा लेंगे, किंतु यदि हम यह कह दें कि खून हमने किया है तो हमें छुड़वाने वाला कोई नहीं होगा। भोला मोहन को फांसी की सजा सुना दी। गांव के लोग निरपराध को फांसी पर लटकते देख कर रो पड़े।

गीत का भावार्थ- हे मोहणा, तेरे भाइयों की करतूतों के कारण आज तू मरने आया है। तेरी पत्नी व बच्चे इस कारण विलाप कर रहे हैं। हे मोहणा, अपनी मां के हाथ से बची अंतिम घडि़यों में रोटी खा ले। मोहन ने कहा, लोगो, मुझे रोटी खाने की फुर्सत नहीं है। मोहणा, हमें दुख है कि तेरे इस सुंदर बंगले में अब कौन रहेगा। मोहणा कहता है कि इसमें मेरे भाई रहेंगे। लोग कहते हैं तुम्हें फांसी पर चढ़ने के लिए आंगन में खंभे गाड़ दिए हैं, अब अंतिम घडि़यों में तुम तख्त पर चढ़ जाओ। हे मोहणा इस क्रूर राजा जिसने तुम्हें फांसी की सजा दी है घड़ी के बारह बज गए हैं। इस पर रोते-बिलखते सब यहां रह जाते हैं और मोहन फांसी पर लटक जाता है। यह गीत निबद्ध और अनिबद्ध दोनों प्रकार से गाया जाता है। अनिबद्ध प्रकार से यह गीत बहुत बिछाकर विलंबित लय में गाया जाता है, जिससे शोक के भाव प्रबल हो जाते हैं। निबद्ध प्रकार से इसे चाचर ताल में गाया जाता है। इस गीत में पहाड़ी राग की स्वरावलियों का समावेश है।

पांजपतरा लोक गाथा

यह मंडी क्षेत्र की अत्यधिक प्रचलित लोक गाथा है, इस लोक गाथा में एक परिवार में घटने वाली एक घटना वर्णित है। घटना धीरे-धीरे उग्र रूप धारण कर लेती है और पारिवारिक कलह का कारण बन जाती है। गीत का भावार्थ इस प्रकार है कि बारह वर्ष के पश्चात नाजो (नायिका) का पति घर लौटा। उसने अपनी पत्नी के गले में पांच लडि़यों का सुंदर हार देखा। उसे अपनी पत्नी के चरित्र पर संदेह हुआ। उसने हार के बारे में अपनी मां से पूछा कि यह हार नाजो को किसने दिया है। मां टाल कर पिता के पास भेजती है। पिता उसे नाजो से ही पूछने को कहता है। नाजो भी खामोश रहती है। अंततः उसकी छोटी बहन उसे बताती है कि यह पांच लडि़यों वाला हार नाजो के   देवर अर्थात छोटे भाई ने दिया है। यह सुनते ही पति आग बबूला हो जाता है तथा अपनी ढाल-तलवार ढूंढने निकल पड़ता है, जिससे कि अपने छोटे भाई को मार सके। पत्नी बीच बचाव करके समझाती है कि देवर को मत मारो, बल्कि अपनी दोषी पत्नी को समाप्त कर डालो और तुम फिर से विवाह कर डालो। गीत रहस्य के साथ आरंभ होता है, जो अंत में प्रकट होता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App