350 प्रतिभागी प्रस्तुत करेंगे अपने शोध पत्र

By: Mar 25th, 2017 12:05 am

राजगढ़  —  इटरनल यूनिवर्सिटी बड़ू साहिब में दो दिवसीय खाद्यान विज्ञान की अग्रणी तकनीक के संबंध में राष्ट्र स्तरीय एक सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर बागबानी विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. एचसी शर्मा ने इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस सम्मेलन में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, अमिटी यूनिवर्सिटी, नेशनल डेरी संस्थान करनाल, गुरु जंबेश्वर विश्वविद्यालय हिसार, नौणी विश्वविद्यालय हिमाचल आदि देश के विभिन्न राज्यों के प्रमुख संस्थानों से शोध छात्र, वैज्ञानिक व प्रोफेसर सहित लगभग 350 प्रतिभागी यहां पहुंचे हैं तथा यहां एक मंच पर अपने-अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। कर्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान व शब्द कीर्तन के साथ हुआ। डीन अकेडमिक डा. बोपाराय ने मुख्यातिथि व प्रतिभागियों का इस कार्यक्रम में पहुंचने पर स्वागत किया। उन्होंने सम्मेलन के मुख्य विषय पर चर्चा करने के लिए शोधार्थियों को आमंत्रित किया तथा स्थानीय इटरनल विश्वविद्यालय के उपकुलपति डा. एचएस धालीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि भारत खाद्यान उत्पादन में विश्व का दूसरे नंबर का देश है तथा अगले कुछ वर्षों में 70 से 100 प्रतिशत अधिक उत्पादन की आवश्यकता भारत में है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का खाद्य उत्पादन पर अत्याधिक प्रभाव पड़ता है व विश्व में पर्यावरण का प्रतिकूल प्रभाव भी खाद्यान उत्पादन पर पड़ता है। भारत को अगले वर्षों में खाद्य उत्पादन की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा। इस क्षेत्र में सरकारें भी फूड पार्क के माध्यम से बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। इस अवसर पर मुख्यातिथि डा. एचएस शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि देश में किसानों की फसलों की उत्पादन क्षमता कम है तथा इसे और अधिक कैसे बढ़ाया जाए यह भी शोध का विषय है। किसानों का लगभग 25 प्रतिशत से अधिक उत्पादन मौसम, बीमारियों की वजह से उनके खेतों में ही नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा कि यदि कभी किसानों की बंपर फसल हो भी जाए तो सरकारी प्रयास काफी नहीं रहते हैं कि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। उन्होंने यहां उपस्थित शोधार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि किसानों की अधिक फसल होने की सूरत में उनकी फसल उत्पादन को खाद्यान की विभिन्न तकनीकों के माध्यम से जैसे जूस, आचार व अन्य डिब्बा बंद खाद्यान वस्तुएं तैयार की जाएं। इस अवसर पर डा. देवें्र सिंह ने कहा कि बड़ू साहिब में मूल्य आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है तथा कलगीधर ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य नारी शिक्षा को बढ़ावा देना है। इस अवसर पर कलगीधर ट्रस्ट के अध्यक्ष बाबा इकबाल सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा तीन तरह की होती है, जिसमें शिक्षा, विद्या और ब्रह्मविद्या प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि आज के दौर में घटते मानवीय मूल्यों के चलते छात्रों व समाज को ब्रह्मविद्या देने की परम आवश्यकता है। इस अवसर पर स्थानीय विश्वविद्यालय के पीआरओ कुलदीप सिंह, डा. सोहल, डा. सुषमा, डा. चीमा, डा. अजित, डा. विवेक शर्मा इत्यादि गणमान्य व्यक्ति

उपस्थित थे।


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