घुमारवीं के डीके शर्मा बीबीएमबी प्रमुख
पीएमओ से जारी हुए आदेश, बिजली क्षेत्र में 35 साल का अनुभव आया काम
शिमला— बिजली क्षेत्र में काम का लंबा अनुभव और कार्य क्षेत्र में सफलता के बूते आज हिमाचल के एक अभियंता को भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की कमान सौंपी गई है। हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक इंजीनियर डीके शर्मा, जो कि घुमारवीं के मेंहरीं काथला से हैं को मंगलवार को ही प्रधानमंत्री कार्यालय से भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन पद पर नियुक्ति के आदेश मिले हैं। इस पद से एसके शर्मा सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं, जिनकी जगह पर डीके शर्मा का चयन हुआ है। श्री शर्मा को बिजली क्षेत्र में काम करने का लगभग 35 साल का अनुभव है। उन्होंने राज्य बिजली बोर्ड से अपना सफर शुरू किया था, जिसमें लगभग 24 साल तक सेवाएं दीं। वह 1982 से 2006 तक वह बिजली बोर्ड में रहे। वर्ष 1994 से 1997 के बीच झाखड़ी प्रोजेक्ट में रहे। श्री शर्मा ने भूटान के टाला प्रोजेक्ट में भी बेहतरीन सेवाएं प्रदान कीं, वहीं 1999 में उन्हें मैन ऑफ दि ईयर नवाजा गया। वर्ष 2003 में उन्होंने सावड़ा कुड्डू परियोजना में सेवाएं दीं। इसके बाद वर्ष 2006 में वह सरकारी क्षेत्र को छोड़कर निजी क्षेत्र में चले गए जहां उन्होंने बिजली क्षेत्र की बड़ी कंपनी एल एंड टी के साथ पार्वती चरण तीन, अलायन दुहांगन परियोजना में काम किया। हाइड्रो पावर के क्षेत्र में उनहोंने 26 तकनीकी पेपर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार्ज में पेश किए। उन्होंने थाइलैंड, नॉर्वे, स्वीडन, कनाडा, जापान, हंगरी, आस्ट्रिया, स्पेन, पुर्तगाल, भूटान व नेपान में बिजली परियोजना क्षेत्र का नजदीक से अनुभव लिया है। हिमाचल के लिए अपर रावी रिवर बेसिन का मास्टर प्लान भी उन्होंने तैयार किया है।
पाकिस्तान को नहीं देंगे रावी-ब्यास का पानी
शिमला— बीबीएमबी के नवनियुक्त अध्यक्ष इंजीनियर डीके शर्मा ने कहा है कि बीबीएमबी की कमान संभालने के बाद उनका बड़ा लक्ष्य रावी व ब्यास के पानी का पूरा इस्तेमाल करने का होगा। इन दोनों नदियों का पानी पड़ोसी देश पाकिस्तान में नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के हित में जो होगा, उस पर प्राथमिकता के साथ काम किया जाएगा। बीबीएमबी के प्रमुख की कुर्सी संभालने के बाद उनका मिशन रावी और ब्यास के पानी के पूरे सदुपयोग का रहेगा, ताकि पड़ोसी मुल्क को यह पानी न जा सके। ‘दिव्य हिमाचल’ से खास बातचीत में इंजीनियर डी.के.शर्मा ने कहा कि रिजर्वायर रेगूलेशन और बिजली उत्पादन में सामंजस्य बिठाकर दोनों नदियों के पानी का अधिक से अधिक प्रयोग किया जा सकता है। वह इस पर ध्यान देंगे कि बीबीएमबी अपनी क्षमता से भी अधिक उत्पादन करे।
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