शिक्षा के व्यवसायीकरण पर लगाओ रोक

By: Apr 24th, 2017 12:05 am

बिलासपुर —  हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड के पूर्व सचिव केडी लखनपाल ने राज्य सरकार से शिक्षा के  व्यवसायीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने की वकालत की है। रविवार को उन्होंने कहा कि कई निजी स्कूलों में न तो प्रयाप्त स्टाफ, सुविधाजनक कमरे हैं और न ही उपयुक्त खेल मैदान। बावजूद इसके शिक्षा बोर्ड की ओर से अपात्र स्कूलों को मान्यता देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। निजी स्कूलों के प्रबंधन बच्चों की वर्दियां भी अपनी मनपसंद की जगह से सस्ते दामों में लाकर बच्चों से मनमर्जी के दाम वसूल कर रहे हैं, जो कि एक चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जो अध्यापक इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ा रहे हैं उनको वेतन भी गुजारे लायक भी नहीं दिया जा रहा है, जिस कारण पढ़े-लिखे युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर उनका शोषण किया जा रहा है, जिसका प्रदेश सरकार तथा स्कूल शिक्षा बोर्ड को संज्ञान लेना चाहिए। डा. केडी लखनपाल ने कहा कि पहली से पांचवीं कक्षा की फीस केवल एक बार ही ली जानी चाहिए। हर वर्ष दाखिला फीस लिए जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसी प्रकार वर्दियां भी अभिभावकों को ही देनी चाहिए न कि स्कूल प्रबंधन को, क्योंकि निजी स्कूल इसे भी कमाई का साधन बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अब सरकारी स्कूलों में शिक्षा का प्रसार और प्रचार तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रयाप्त है, लेकिन शिक्षा की गुणवता नहीं बढ़ पाई है, जिस पर सरकार, अध्यापकों व अभिभावकों को बहुत ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का नतीजा एक अच्छा चरित्रवान व्यक्तित्व पैदा करना है, जिसमें हम नाकाम रहे हैं। इसके साथ ही जो इस पदद्ति से बेरोजगार युवाओं की फौज आए दिन बढ़ रही है, उसके लिए  शिक्षा रोजगारोन्मुख होनी बहुत जरूरी है। अन्यथा युवा आक्रोश का समाज और सरकार को सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। स्कूलों तथा सरकारी कार्यालयों में इतनी छुट्टियों का कोई औचित्यं नहीं हैं। यह बिल्कुल कम की जानी चाहिए।

सरकार को करनी होगी पहल

शिक्षा बोर्ड के पूर्व सचिव ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी पर रोक लगाना नितांत जरूरी हो गया है। इसके अलावा वार्षिक समारोहों में राजनेताओं को आमंत्रित करने की प्रथा बिलकुल बंद करवाकर यह अधिकार केवल शिक्षाविदें का ही होना चाहिए। सरकार को पहल करके इसमें आदेश देने चाहिए, तभी शिक्षा में सुधार की अपेक्षा की जा सकती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App