क्यों आते हैं खर्राटे

By: May 21st, 2017 12:05 am

खर्राटे एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्ति के खुद के स्वास्थ्य के लिए चिंता का कारण तो है ही साथ में यह व्यक्ति के आसपास सोने वाले व्यक्ति के लिए भी परेशानी का सबब बन जाती है। खर्राटे व्यक्ति तब लेता है जब सोते समय उसके मुंह में जिह्वा से जुड़ी मांसपेशियां ढीली होकर हवा के रास्ते को बंद कर देती हैं। ऐसी स्थिति में मांसपेशियां वाइब्रेट होकर खर्राटे की आवाज निकालने लगती हैं। इस तस्वीर की मदद से आप इस प्रक्रिया को आसानी से समझ सकते हैं।

उपचार

खर्राटे की समस्या से आमतौर पर मोटे लोग ही ग्रसित रहते हैं इसलिए इस समस्या से जूझ रहे लोगों को सबसे पहले अपना मोटापा कम करने पर ध्यान देना चाहिए। मोटापे के कारण गले के आसपास फैट जमा हो जाता है जोकि खर्राटे पैदा करने में सहायक सिद्ध होता है।  खर्राटे से परेशान लोगों को पीठ के बल नहीं सोना चाहिए क्योंकि इस स्थिति में खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है। किसी भी परिस्थिति में अधिक मोटा तकिया रखकर न सोएं। खर्राटे के अलावा भी मोटे तकिए के कारण कई रोग होने की संभावना रहती है। नशा और नींद की गोलियों का खर्राटों से सीधा संबंध है। नशे के कारण हमारे मस्तिष्क का नियंत्रण मांसपेशियों से हट जाता है और खर्राटे आने की संभावना बढ़ जाती है। धूम्रपान भी वायुमार्ग को अवरुद्ध करता है इसलिए खर्राटों से परेशान व्यक्ति को धूम्रपान से तौबा करनी चाहिए।  रात को सोने से 2 घंटे पहले कुछ न खाएं तथा भरपूर पानी पीकर सोएं। भोजन में नमक का इस्तेमाल कम से कम करें। क्योंकि नमक के कारण शरीर में ऐसे तरल पदार्थ का निर्माण होता है, जो वायुमार्ग को अवरुद्ध करता है। प्रतिदिन व्यायाम करें। व्यायाम करने से न सिर्फ  मोटापे से लड़ने में मदद मिलती है बल्कि इससे आपकी मस्तिष्क और बॉडी के बीच का तालमेल भी सुधरता है, जोकि अवचेतनावस्था में मांसपेशियों के सही संचालन के लिए बहुत जरूरी है।  खर्राटे की समस्या को जड़ से खत्म करना हो तो नित्य 5-5 मिनट उज्जाई एवं अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें। कुछ ही हफ्तों में यह समस्या समाप्त हो जाएगी।

विवाह प्रस्ताव की तलाश कर रहे हैं? निःशुल्क रजिस्टर करें !

 


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App