जमीनों को हुए नुकसान का हो मूल्यांकन

By: May 24th, 2017 12:05 am

चंबा – तीसा उपमंडल में मिनी हाइडल पावर प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य से नेरा में ग्रामीणों की जमीनें बुरी तरह धंसकर रह गई हैं। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रोजेक्ट प्रबंधन गलती स्वीकारने को तैयार नही हैं। हालात यह है कि प्रोजेक्ट प्रबंधन राजस्व विभाग की निशानदेही को मानने से भी इनकार कर रहा है। यह खुलासा नेरा गांव के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को डीसी सुदेश मोख्टा से मुलाकात के दौरान किया। उन्होंने डीसी से प्रोजेक्ट निर्माण कार्य से जमीनों को हुए नुकसान का मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करवाने की मांग उठाई है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेरा गांव के कासमदीन, हुसैन खान, हनीफ मोहम्मद, प्यारदीन, याकूब, शकूर मोहम्मद, यासीन, अशरफ  अली, मौसमदीन व अशरद अली ने डीसी सुदेश मोख्टा को जानकारी दी कि इलाके में ननाहल पावर प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। नेरा गांव के उपरी हिस्से में टनल का निर्माण कार्य होने से जमीनें धंसने आरंभ हो गई हैं। प्रोजेक्ट के पावर हाउस निर्माण से भी काफी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि इस मसले पर विवाद उठने पर कंपनी प्रबंधन ने राजस्व विभाग के माध्यम से निशानदेही भी करवाई। मगर निशानदेही में भी ग्रामीणों की जमीन को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई। कंपनी प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकारने की बजाय निशानदेही को मानने से ही इंकार कर दिया है। कंपनी प्रबंधन तर्क दे रहा है कि वह इस निशानदेही से सहमत नहीं है। ग्रामीणों ने डीसी सुदेश मोख्टा से कंपनी के बार- बार निशानदेही करवाने की प्रक्रिया पर रोक लगाकर नुकसान की मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश जारी करने की गुहार लगाई है। उधर, डीसी सुदेश मोख्टा ने ग्रामीणों की मांग पर कार्रवाई करते हुए मौके पर ही एसडीएम चुराह को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

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