पूर बेसकिह मंदिर

By: May 20th, 2017 12:07 am

पूर बेसकिह मंदिर में कई हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। देवी-देवीताओं के अलावा यहां एक विशाल क्षेत्र में वासुकि नाग की भी पूजा-अर्चना की जाती है…

पूर बेसकिह मंदिरइंडोनेशिया एक ऐसा देश है, जहां पर हिंदू संस्कृति और मंदिरों की भरमार देखी जा सकती है। इंडोनेशिया के मुख्य शहर बाली में कई प्रसिद्ध और विशाल हिंदू मंदिर हैं। उन्हीं में से एक है पूर बेसकिह मंदिर। यह मंदिर न सिर्फ  इंडोनेशिया बल्कि पूरी दुनिया के सबसे सुंदर हिंदू मंदिरों में गिना जाता है। पहाड़ों के बीच बसे इस मंदिर की खूबसूरती ही इसकी सबसे बड़ी खासियत है। अगुंग नाम के पहाड़ पर बना यह मंदिर एक आइलैंड की तरह दिखाई देता है।

कैसे पड़ा यहां का नाम बेसकिह – बेसकिन शब्द संस्कृत के वासुकि शब्द से आया है, वासुकि नाग का वर्णन कई ग्रंथों और पुराणों में पाया जाता हैं। वासुकि शब्द को बाद में जावा भाषा में बदल कर बेसकिह कर दिया गया। जावा भाषा में बेसकिह का अर्थ होता है. बधाई। परिसर में हैं कई मंदिर- पूर बेसकिह मंदिर में कई हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। देवी-देवीताओं के अलावा यहां एक विशाल क्षेत्र में वासुकि नाग की भी पूजा-अर्चना की जाती है। यह इंडोनेशिया के हिंदुओं के लिए साधना का मुख्य केंद्र माना जाता है। यहां पर लगभग सभी हिंदू त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं। अपनी सुंदरता और महत्त्व के कारण हिंदुओं के साथ-साथ वहां के मूल निवासियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां के कई भक्त और पुजारी इंडोनेशिया के स्थाई निवासी भी हैं। मंदिर को कहा जाता है ‘मदर टेंपल ऑफ  बेसकिह’। यह मंदिर बेसकिन के सबसे सुंदर मंदिरों में से एक होने के साथ-साथ बहुत ही विशाल और भक्तों में प्रसिद्ध भी है। जिसकी वजह से यह मंदिर यहां की सबसे मुख्य धरोहरों में गिना जाता है।

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