समसामयिकी

By: May 17th, 2017 12:07 am

‘वन बैल्ट वन रोड’

cereerचीन ने दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक गलियारे ‘ वन बैल्ट, वन रोड’ परियोजना को लेकर 14 और 15 मई को शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें 29 देशों के राष्ट्राध्यक्षों, 70 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों, दुनिया भर के 100 मंत्रिस्तरीय अधिकारियों, विभिन्न देशों के 1200 प्रतिनिधिमंडलों को आमंत्रित किया गया। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ‘वन बैल्ट, वन रूट’ यानी न्यू सिल्क रोड परियोजना शिखर सम्मेलन में इसका एजेंडा पेश किया। चीन ने आर्थिक मंदी से उबरने, बेरोजगारी से निपटने और अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए ‘वन बैल्ट, वन रोड’ परियोजना को पेश किया। चीन ने एशिया, यूरोप और अफ्रीका को सड़क मार्ग, रेलमार्ग, गैस पाइप लाइन और बंदरगाह से जोड़ने के लिए ‘वन बैल्ट, वन रोड’ के तहत सिल्क रोड इकोनॉमिक बैल्ट और मैरीटाइम सिल्क रोड परियोजना शुरू की है। इसके तहत छह गलियारे बनाए जाने की योजना है। इसमें से कई गलियारों पर काम भी शुरू हो चुका है। इसमें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) से गुजरने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भी शामिल है, जिसका भारत कड़ा विरोध कर रहा है। भारत का कहना है कि पीओके में उसकी इजाजत के बिना किसी तरह का निर्माण संप्रभुता का उल्लंघन है।

इन गलियारों से जाल बिछाएगा चीन

न्यू सिल्क रोड के नाम से जानी जाने वाली ‘वन बैल्ट, वन रोड’ परियोजना के तहत छह आर्थिक गलियारे बन रहे हैं। चीन इन आर्थिक गलियारों के जरिए जमीनी और समुद्री परिवहन का जाल बिछा रहा है।

चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा

   न्यू यूराशियन लैंड ब्रिज

   चीन-मध्य एशिया-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारा

   चीन-मंगोलिया-रूस आर्थिक गलियारा

   बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारा

   चीन-इंडोचाइना-प्रायद्वीप आर्थिक गलियारा

दुनिया की 60 फीसदी लोगों पर राज करेगा चीन

चीन अपनी इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के जरिए दुनिया की 60 फीसदी आबादी यानी 4.4 अरब लोगों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहा है। वह इन पर एकछत्र राज करना चाहता है। वह इनको रोजगार देने का लालच दे रहा है। उसने इस परियोजना को लेकर अपनी नीतियां भी स्पष्ट नहीं की हैं। वह कभी भी अपने वादे से मुकर सकता है और इन देशों की प्राकृतिक संपदा का दोहन करके आर्थिक लाभ कमा सकता है। ऐसे में इसके भावी परिणाम बेहद गंभीर साबित हो सकते हैं। इन देशों के लोग भविष्य में चीन के गुलाम बन कर रह जाएंगे। चीन का रिकार्ड रहा है कि वह बिना स्वार्थ के कोई काम नहीं उठाता है। खासकर विदेशी निवेश को लेकर उसका रिकार्ड बेहद खराब रहा है।

दुनिया के 65 देशों की सरकार को भी लालच

चीन ‘वन बैल्ट, वन रोड’ परियोजना को अंजाम देने के लिए न सिर्फ 65 देशों की जनता को बरगला रहा है, बल्कि वह इन देशों की सरकारों को भी लालच दे रहा है। चीनी मीडिया का कहना है कि इस परियोजना के इन देशों की सरकारों को 1.1 अरब डॉलर टैक्स मिलेगा। इससे इनकी आय में इजाफा होगा और साथ ही बेरोजगारी कम होगी।

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