सॉयल हैल्थ कार्ड

By: May 10th, 2017 12:07 am

CEREERकिसानों को उनके खेतों की मिट्टी की सेहत से वाकिफ कराने के लिए सरकार ने सेंट्रल सॉयल हैल्थ कार्ड स्कीम को लांच कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के सूरतगढ़ में इस योजना का शुभारंभ किया। योजना के तहत किसानों को उनकी खेतों की मिट्टी के बारे में लैब में जांच करके बताया जाएगा।  गुजरात ने इस बाबत सबसे पहले शुरुआत की थी। केंद्र सरकार ने इस योजना के लिए फिलहाल करीब 600 करोड़ रुपए का इंतजाम किया है। वर्ष 2003-04 से स्वयं में यह एक तथ्य है कि सरकार के सूत्रों के अनुसार मृदा स्वास्थ्य देखभाल के लिए वैज्ञानिक उपायों की पहल के मामले में गुजरात मृदा स्वास्थ्य कार्ड पेश करने वाला प्रथम राज्य रहा है।

गुजरात में 100 से ज्यादा मृदा प्रयोशालाएं स्थापित की गई थीं और इस योजना का परिणाम काफी संतोषजनक रहा था। इसकी शुरुआत के बाद से, गुजरात की कृषि आय 2000-01 में 14,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 2010-11 में उच्चतम 80,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। कृषि भूमियों में मूल्यवान पोषक तत्त्वों की कमी के कारण कृषि वैज्ञानिक पहले से चिंतित थे। वैज्ञानिकों ने यहां तक चेतावनी दी थी कि भारत के विभिन्न भागों में अकाल और सूखे की संभावना हो सकती है। यदि आवश्यक सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो अगले 10 वर्षों के समय में भोजन की कमी हो सकती है।

इसी को देखते हुए सरकार ने ऐसी जमीनें तलाशनी शुरू कर दी, जहां कृषि को बढ़ावा दिया जा सकता है। देश में सभी किसानों के पास वर्ष 2017 तक अपना मृदा स्वास्थ्य कार्ड होगा। 2014-15 में 27 करोड़ और 2015-16 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड  तैयार करने के लिए सभी राज्यों के लिए 100 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं।

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