‘उड़ान’ से हिमाचली पर्यटन को लगेंगे पर

By: Jun 15th, 2017 12:02 am

हेमराज कपूर लेखक, बकाणी चंबा से हैं

केंद्र सरकार ने सस्ती हवाई सेवा शुरू कर के आम आदमी की आशाओं को पंख लगाए हैं। आम आदमी की उम्मीदों को उड़ान दी है। अब लगता है प्रदेश के आगे बढ़ने का समय आ गया है। सब ने केंद्र सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए इसमें और विस्तार की उम्मीद जताई है…

हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत केंद्र है। प्रकृति ने हिमाचल को अद्वितीय रूप से संवारा है। यहां पर अनेक स्वास्थ्यवर्द्धक व पर्यटन स्थल हैं। जिस कारण करोड़ों देशी व विदेशी सैलानी इस प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने यहां आते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने उड़ान योजना जो नागरिक उड्डयन नीति 2016 का एक हिस्सा है, शुरू की है। इस योजना का आदर्श वाक्य है ‘ उड़े देश के आम नागरिक’। उड़ान योजना के तहत भारत सरकार देश के भीतर क्षेत्रीय हवाई संचालन की सुविधा को सृदृढ़ करना चाहती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे शहरों में वर्तमान में अप्रचलित हवाई पट्टियों का पुनरुद्धार कर किफायती किराए पर हवाई सुविधा उपलब्ध करवाना है। इस योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल, 2017 को शिमला स्थित जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट से किया। प्रधानमंत्री ने शिमला से दिल्ली के साथ नांदेड़, हैदराबाद और कडप्पा हैदराबाद के लिए भी उड़ान योजना को प्रारंभ किया। इस योजना के तहत हवाई यात्रा के लिए 500 किलोमीटर और एक घंटे सफर की कीमत 2500 रखी गई है। शिमला स्थित जुब्बड़हट्टी एयरपोर्ट, जो 2012 से बंद पड़ा था, अब इस एयरपोर्ट से सप्ताह में पांच दिन नियमित उड़ानें शिमला से दिल्ली और दिल्ली से शिमला के लिए होंगी। शिमला जो पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध है, इस योजना के शुरू होने से पर्यटन क्षेत्र में इजाफा होना स्वाभाविक है। वर्तमान समय में प्रदेश में गगल एयरपोर्ट से ही नियमित उड़ानें हो रही हैं। भारत सरकार इस वर्ष अगस्त तक कुल्लू स्थित भुंतर एयरपोर्ट को भी उड़ान योजना का हिस्सा बनाने की तैयारी में है। इससे हिमाचल प्रदेश में हवाई यातायात को बल मिलेगा। उड़ान योजना को अगर हिमाचल के परिपेक्ष में देखा जाए तो यह योजना हिमाचल प्रदेश के लिए वरदान साबित होने वाली है। हिमाचल जो पर्यटन दृष्टि से विश्व प्रसिद्ध है। करोड़ों पर्यटक प्रतिवर्ष यहां भ्रमण करने आते हैं। हवाई यातायात की सुविधा में वृद्धि होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होना लाजिमी हैं। वर्ष 2016 में देवभूमि पहुंचने वाले पर्यटकों की कुल संख्या एक करोड़ 84 लाख 51 हजार रही है।

राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का योगदान 6.81 फीसदी है। जिसे वर्ष 2020 तक बढ़ाकर  10 फीसदी करने की योजना सरकार ने बनाई है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का प्रमुख स्थान है। इस क्षेत्र से प्रत्यक्षतः आय प्राप्त होने के साथ-साथ रोजगार के विभिन्न अवसर भी सृजित हो रहे हैं। इसी कारक राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का योगदान निरंतर बढ़ रहा है। राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में होम स्टे इकाइयों को 2018 तक विलासिता कर में छूट दी गई है। राज्य सरकार के इस निर्णय से पयर्टकों को अच्छी सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी, जिससे पर्यटन क्षेत्र सुदृढ़ व प्रगतिशील बनता जाएगा। उड़ान योजना न सिर्फ पर्यटन क्षेत्र में इजाफा करेगी,  बल्कि प्रदेश का आम नागरिक भी हवाई चप्पल में हवाई यात्रा सस्ते किराए पर कर सकेगा। इस बहु प्रतिष्ठित योजना ने हवाई यात्रा जो एक स्टेटस सिंबल बनकर रह गई थी, उसको कॉमन सिंबल में बदल दिया है। यानी कि अब वीआईपी को ईवीपी  यानी एवरी पर्सन इज इंपोरटेंट में बदल दिया है। सरकार ने वैसे भी लाल बत्ती को हटाकर वीआईपी कल्चर को बिलकुल खत्म ही कर दिया है और अब उड़ान योजना ने आम आदमी को वीआईपी जैसा बना दिया है। प्रदेश के लिए यह योजना लाभ का सौदा साबित होगी। कश्मीर में आतंकवाद को देखते हुए पर्यटक हिमाचल की ओर रुख करते हैं। अगर पर्यटकों को सुविधाएं मिलेंगी, तो वे हिमाचल में आएंगे और ज्यादा दिन तक यहां रुकेंगे। इस योजना से प्रदेश व देश के समस्त नागरिक गौरवान्वित महसूस करेंगे। यह योजना समावेशी विकास की अवधारणा को मृर्त रूप प्रदान करेगी। भारत सरकार को इस योजना में हिमाचल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों, जिनमें पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जो कि भौगोलिक दृष्टि से बेहद कठिन क्षेत्र (पांगी, किन्नौर, लाहुल-स्पीति)  हैं। प्रदेश के ये क्षेत्र वर्ष में छह महीने बर्फ से लदे रहते हैं, जिस कारण इन क्षेत्रों का संपर्क कट जाता है, को भी उड़ान योजना में शामिल करना चाहिए ताकि इन क्षेत्रों का संपर्क वर्ष भर बना रहे। हिमाचल प्रदेश के विकास के लिए योजना मील का पत्थर साबित होने वाली है। केंद्र सरकार की इस पहल को देखते हुए हिमाचल सरकार को भी ऐसे ही कुछ कदम उठाने चाहिए कि इस महत्त्वपूर्ण योजना का लाभ मिल सके। केंद्र सरकार ने सस्ती हवाई सेवा शुरू कर के आम आदमी की आशाओं को पंख लगाए हैं। आम आदमी की उम्मीदों को उड़ान दी है। अब लगता है प्रदेश के आगे बढ़ने का समय आ गया है। सब ने केंद्र सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए इसमें और विस्तार की उम्मीद जताई है। देखें हिमाचल इस योजना का कितना लाभ उठा पाता है और सरकार पर्यटकों के लिए और क्या बेहतर कर सकती है।

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