चाइना रोज़ पर खतरा शोध न के बराबर

By: Jun 28th, 2017 12:01 am

नौणी — देश में चाइना रोज़ की किस्में विलुप्त हो सकती हैं। इस फूल का उत्पादन देश में न के बराबर हो रहा है। शोध संस्थान भी चाइना रोज़ फूल की ब्रिडिंग को लेकर गंभीर नहीं है। बंगलूर के बाद देश में डा. वाईएस परमार नौणी विवि ही एकमात्र ऐसा संस्थान है, जहां इस फूल को लेकर ब्रिडिंग व नर्सरी पर ध्यान दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार चाइना रोज़ फूल पुष्प उत्पादकों के लिए वरदान साबित हो सकता है। देश भर में इस फूल की डिमांड काफी अधिक है। इस फूल को दक्षिण भारत के अधिकतर मंदिरों में इस्तेमाल किया जाता है। वास्तु के अनुसार भी इस फूल को घर के सामने लगाने से वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। इस फूल से जुड़ी अन्य कई मान्यता है। चिंता का विषय है कि चाइना रोज़ फूल की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। इस फूल की करीब एक हजार से अधिक  किस्में हैं, जिसमें से अब केवल गिनी-चुनी किस्में ही देखने को मिलती हैं। प्रदेश सहित उत्तर भारत के पुष्प उत्पादक चाइना रोज़ फूलों का उत्पादन नहीं कर रहे हैं। वजह जानकारी का अभाव हो सकती है। इस फूल का उत्पादन गर्म क्षेत्रों में अधिक होता है। इसके लिए  मार्च से अगस्त माह का समय सबसे अधिक उपयुक्त माना जाता है।

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