दस साल बाद घर लौटी बिझड़ी की लाड़ली
आंध्र प्रदेश से गूगल से ढूंढा पिता का पता, नौ साल की उम्र में छूट गया था घर
बिझड़ी – किस्मत का खेल, आखिर दस साल बाद हुआ बाप-बेटी का मेल। वर्षों से पुत्री वियोग में जी रहे पिता को उसकी लाड़ली मिल गई। गूगल की मेहरबानी से बेटी ने अपने पिता का पता ढूंढ निकाला। आज पूरा परिवार बेटी के घर आने पर जश्न मना रहा है। दस साल पहले मां के साथ बाप को छोड़कर गई महज नौ साल की बेटी मां के देहांत के बाद घर लौट आई है। आंध्र प्रदेश से गूगल पर सर्च कर बेटी ने हिमाचल के छोटे से कस्बे बिझड़ी का पता ढूंढ निकाला। पता मिलने के बाद बेटी पापा से मिलने बिझड़ी पहुंच गई है। पिता भी अपनी बेटी को पाकर फूले नहीं समा रहे हैं। बेटी की दुख भरी कहानी सुनकर हर किसी की आंख नम है। उल्लेखनीय है कि दस साल के लंबे अंतराल के बाद किस्मत ने बिछौड़े बाप-बेटी को मिला दिया है। मामला उपमंडल बड़सर के बिझड़ी का है। यहां के निवासी विज्ञान ठाकुर, जो कि पंचायत में बतौर मेंबर सेवाएं दे रहे हैं। उनकी बेटी लंबे अरसे पहले उनसे बिछड़ गई थी। विज्ञान ठाकुर की पहली पत्नी का देहांत 1991 में हो गया था। उनके परिवार में दो लड़के व एक बेटी थे, जो कि उस समय काफी छोटे थे। घर में उनकी बूढ़ी मां काफी बीमार रहती थी। बच्चों की देखभाल के लिए विज्ञान ठाकुर पर दूसरी शादी का जोर डाला गया। उनकी दिल्ली में रह रही बहन ने उनके लिए आंध्र प्रदेश की मीना को दूसरी शादी के लिए चुना। 1996 में दोनों परिणय सूत्र में बंध गए। दो साल बाद उनकी बेटी (प्रियंका) ने जन्म लिया। वर्ष 2007 तक सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा। अचानक 2007 में मीना अपनी बेटी प्रियंका को साथ लेकर दिल्ली बहन से मिलने चली गई। वहां से ही वह आंध्र प्रदेश पहुंच गई। वापस लौटने की बात पर वह हर बार टालमटोल करने लगी। कुछ माह बाद उसने घर लौटने से साफ मना कर दिया। यहीं पर जहां विज्ञान ठाकुर से पत्नी का साथ छूटा, वहीं उनकी दुलारी बेटी भी आंखों से ओझल हो गई। अब अचानक 2017 में भाग्य ने अपना खेल दिखाया। छह महीने पहले प्रियंका की मां मीना की मृत्यु हो गई। बाप के बिना मामा के घर छह महीने रहने के दौरान प्रियंका काफी परेशान रही।
फिर मिला नंबर
प्रियंका केवल पिता का नाम ही पता था। बेटी ने फिर गूगल सर्च कर बिझड़ी को खोजना शुरू किया। काफी कोशिश के बाद उसे बिझड़ी से कुबेर शू हाउस का नंबर मिला, फिर वह घड़ी आ गई, जब पिता की करीब दस साल बाद बेटी से बात हुई। बात करने के दौरान प्रियंका व विज्ञान ठाकुर भावुक हो गए। अंत में बेटी को चंडीगढ़ तक छोड़ने उसके मामा आए। चंडीगढ़ से लाने उसके दोनों भाई पहुंचे। बहन ने भाइयों सहित गृह प्रवेश किया।
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