स्मार्ट फोन के बढ़ते प्रभाव में टूट रही हैं रिश्तों की डोर

By: Jun 11th, 2017 12:05 am

आज के दौर में इनसानों का लोगों से ज्यादा अपने फोनों की ओर रुझान हो गया है। इन्हीं  में एक समस्या है लोगों का सोशल दुनिया की तरफ  ज्यादा रुझान। जो लोग स्मार्ट फोन का इस्तेमाल कर रहें है वह लोग अपनी वास्तविक दुनिया से दूर हो रहे हैं और उन लोगों को यह आभासी दुनिया वास्तविक दुनिया से ज्यादा आकर्षक लगती है। साइकोलॉजिस्ट की मानें तो एक इनसान लगभग 8 घंटे फोन पर रहता है। उनके अंदर वर्चुअल और सोशल लाइफ  इतनी भर गई है कि वह जिंदगी के वास्तविक रिश्ते को दखल मानने लगा है। यही वजह है कि आज इनसान के रिश्तों में भावनात्मक दूरियां बढ़ रही हैं। यह समस्या किसी एक या दो कपल में नहीं बल्कि कहीं न कहीं हर तीसरा इनसान इससे परेशान है।

वजह है वर्चुअल एडिक्शन : साइकोलॉजिस्ट का मानना है कि रिश्तों के टूटने वजह है कि लोगों को फोन की लत लग जाना। एक ऐसी स्थिति भी आती है जब फोन को रख भी दिया जाए तो कहीं न कहीं दिमाग में वही चलता रहता है और हाथ खुद फोन की तरफ  पहुंच जाता है। यह स्थिति बेहद खतरनाक होती है और इसके चलते इनसान रिश्तों को तवज्जो नहीं दे पाता है। दिनभर की थकान के बाद वह सुकून भी अपने फोन के गेम और सोशल साइट्स पर ही खोजता है और बहुत हद तक उसकी यह तलाश पूरी भी होती है, लेकिन इसके चलते रिश्तों में जरूर तनाव आ जाता है।

इससे हर आयु का वर्ग है प्रभावित : इस समस्या से केवल युवा ही नहीं बल्कि बड़ी उम्र के लोग भी परेशान हैं। केवल मेल ही नहीं फीमेल भी स्मार्टफोन और सोशल साइट्स की लत से परेशान हैं।

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