मंगल वर्षा
पी के फूटे आज प्यार के
पानी बरसा री
हरियाली छा गई,
हमारे सावन सरसा री
बादल छाए आसमान में,
धरती फूली री
भरी सुहागिन, आज मांग में
भूली-भूली री
बिजली चमकी भाग सरीखी,
दादुर बोले री
अंध प्रान-सी बही,
उड़े पंछी अनमोले री
छिन-छिन उठी हिलोर
मगन-मन पागल दरसा री
फिसली-सी पगडंडी,
खिसकी आंख लजीली री
इंद्रधनुष रंग-रंगी आज मैं
सहज रंगीली री
रुन-झुन बिछिया आज,
हिला डुल मेरी बेनी री
ऊंचे-ऊंचे पैंग हिंडोला
सरग-नसेनी री
और सखी, सुन मोर विजन
वन दीखे घर-सा री
फुर-फुर उड़ी फुहार
अलक दल मोती छाए री
खड़ी खेत के बीच किसानिन
कजली गाए री
झर-झर झरना झरे
आज मन-प्रान सिहाये री
कौन जनम के पुन्न कि ऐसे
औसर आए री
रात सखी सुन, गात मुदित मन
साजन परसा री।
-भवानी प्रसाद मिश्र
भारत मैट्रीमोनी पर अपना सही संगी चुनें – निःशुल्क रजिस्टर करें !
Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also, Download our Android App