हफ्ते का खास दिन

By: Jul 2nd, 2017 12:05 am

महेंद्र सिंह धोनी

जन्मदिवस 7  जुलाई

महेंद्र सिंह धोनी का जन्म बिहार झारखंड के रांची में 7 जुलाई, 1981 में हुआ। उनके पिता का नाम पानसिंह व माता का नाम देवकी देवी है। धोनी के भाई का नाम नरेंद्र और बहन का नाम जयंती है। धोनी की पत्नी का नाम साक्षी है। अपने शुरुआती दिनों में धोनी लंबे-लंबे बाल रखते थे। धोनी को तेज रफ्तार बाइक और कारों का शौक है।  आज भी जब कभी धोनी को वक्त मिलता है तो वह अपनी पसंदीदा बाइक पर रांची के चक्कर लगाते हैं। रांची के डीएवी जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली से पढ़ाई पूरी करने के साथ धोनी ने खेलों में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेना शुरू कर दिया। उन्हें पहले फुटबाल का बहुत शौक था और वह अपनी फुटबाल टीम के गोलकीपर थे। जिला स्तर पर खेलते हुए उनके कोच ने उन्हें क्रिकेट खेलने की सलाह दी। यह सलाह धोनी के लिए इतनी फायदेमंद साबित हुई कि वह भारतीय क्रिकेट टीम से सबसे कामयाब कप्तान बन चुके हैं। शुरू में वह क्रिकेट में अपनी विकेटकीपिंग के लिए सराहे जाते थे, लेकिन वक्त के साथ-साथ उन्होंने बल्ले से भी तूफान लाने शुरू कर दिए और एक विस्फोटक बल्लेबाज के रूप में उभरकर सामने आए। वह दाएं हाथ के बल्लेबाज हैं।  उनकी गिनती सबसे सफल भारतीय कप्तान के रूप में की जाती है। दसवीं कक्षा से ही क्रिकेट खेलने वाले धोनी बिहार अंडर-19 की टीम से भी खेल चुके हैं। 1998-1999 के दौरान कूच बिहार ट्रॉफी से धोनी के क्रिकेट को पहली बार पहचान मिली।  इस टूर्नामेंट में धोनी ने 9 मैचों में 488 रन बनाए और 7 स्टंपिंग भी की। इसी प्रदर्शन के बाद उन्हें साल 2000 में पहली बार रणजी में खेलने का मौका मिला। 18 साल के धोनी ने बिहार की टीम से रणजी में पदार्पण किया। रणजी में खेलते हुए 2003-04 में कड़ी मेहनत के कारण धोनी को जिंबाब्वे और केन्या दौरे के लिए भारतीय ‘ए’ टीम में चुना गया। जिंबाब्वे के खिलाफ  उन्होंने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 7 कैच व 4 स्टंपिंग की। इस दौरे पर धोनी ने 7 मैचों में 362 रन भी बनाए। जिंबाब्वे के दौरे पर उनकी कामयाबी को देखते हुए तत्कालीन क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली ने उन्हें टीम में लेने की सलाह दी। साल 2004 में धोनी को पहली बार भारतीय क्रिकेट टीम में जगह मिली। हालांकि वह अपने पहले मैच में कोई खास प्रभाव नहीं डाल सके और शून्य के स्कोर पर रन आउट हो गए। इसके बाद धोनी को कई अहम मुकाबलों में मौका दिया गया, लेकिन उनका बल्ला हमेशा शांत ही रहा, लेकिन 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ  खेलते हुए धोनी ने 123 गेंदों पर 148 रनों की ऐसी तूफानी पारी खेली कि सभी इस खिलाड़ी के मुरीद बन गए। और इसके कुछ ही दिनों बाद श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए धोनी ने ऐसा करिश्मा किया कि विश्व के सभी विस्फोटक बल्लेबाजों को अपनी गद्दी हिलती नजर आई। धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ  इस मैच में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए 183 रनों की मैराथन पारी खेली, जो किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज का अब तक का सर्वाधिक निजी स्कोर है।

 


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