इंडस्ट्री में सारे ही हैं गैंगस्टर

By: Sep 10th, 2017 12:10 am

अर्जुन रामपालअर्जुन रामपाल

आज तक के प्रोग्राम पांच का पंच में एक्टर अर्जुन रामपाल अपनी अपकमिंग फिल्म ‘डैडी’ से जुड़े सवालों के जवाब देते नजर आए। बता दें कि अर्जुन की यह फिल्म गैंगस्टर अरुण गवली की जिंदगी पर आधारित है…

गैंगस्टर का रोल प्ले करने के लिए आप बहुत बेताब थे, क्यों?

मुझे ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं हम सब ऐसा रोल प्ले करना चाहते हैं। अगर देखा जाए तो हम सभी गैंगस्टर ही तो हैं। फिल्म इंडस्ट्री में तो सारे ही गैंगस्टर भरे हुए हैं। मुझे यह जॉर्नर बहुत पसंद हैं और कहीं न कहीं हर एक्टर ऐसा रोल प्ले करना चाहता है।

आपका यह बेस्ट रोल है अभी तक का?

हां, बिलुकल कह सकते हैं।

अरुण गवली की बेटी को भी इस फिल्म का ट्रेलर काफी पसंद आया। ऐसा क्या खास है इस फिल्म में?

पहली बात तो बहुत मुश्किल था अरुण गवली को इस फिल्म के लिए मनाना और सबसे बड़ी खास बात यह कि हम किसी गैंगस्टर या अरुण गवली द रॉबिनहुड या किसी मसीहा पर फिल्म नहीं बना रहे थे। हम एक ऐसे इनसान पर फिल्म बना रहे हैं जिसका नाम अरुण गवली है जिसकी जिंदगी में तूफान आए और कैसे उन्होंने उन कठिनाओं के बीच से रास्ता बनाया और यह हम सबके लिए सीख है कि जब जिंदगी में तूफान आते हैं तो हम सब रास्ता निकाल ही लेते हैं तो फिर हम तूफान से डरते ही क्यों हैं।

गैंगस्टर की फिल्म का टाइटल नेम डैडी क्यों?

क्योंकि उन्हें कोई डॉन या गैंगस्टर नहीं कहता, उन्हें कोई उस्ताद नहीं कहता। अगर आप पुलिस फाइल्स में भी देखें तो उनमें उनका नाम अरुण उर्फ  डैडी लिखा है। मुझे उन्हें हीरोइक बनाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी क्योंकि उन्होंने ऑलरेडी न जानें कितने ही लोगों के दिल छुए हैं।

आप उस गैंगस्टर को इतना सम्मान कैसे दे पा रहे हैं?

120 मर्डर के केस थे, उनपर जिसमें से काफी केस में वह बरी हो गए हैं और बाकी के जो केस हैं जिसमें उन्हें आरोपी माना जा रहा है। वह कहते हैं कि उन्होंने वह नहीं किए हैं। बाकी मुझे नहीं पता कि क्या सच है और क्या नहीं, लेकिन रिकार्ड में हैं, तो कुछ हुआ होगा।

अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड का काफी सामना हुआ है तो क्या आप भी मिले हैं किसी गैंगस्टर से?

80 और मिड 90 के पीरियड में ऐसा होता था, लेकिन जब मैंने एंट्री की तो यह सब एंड पर पहुंच चुका था। कई बार पार्टीज वगैरह में एक-दो बार हुआ कि किसी से हाथ मिलाया और बाद में पता चला कि वह तो डॉन या गैंगस्टर था।

छम्मक छल्लो कहा तो जाओगे जेल?

थाणे में एक आदमी को एक औरत को छम्मक छल्लो कहने पर 8 साल बाद सजा सुनाई गई है। इस बात के जवाब पर अर्जुन का कहना है कि अगर लड़की को बुरा लग गया तो ठीक है। मगर आदमी ने माफी नहीं मांगी है तो हां ठीक है। फिल्मों की जिम्मेदारी है पूरी तरह ऐसे कंटेंट से बच के रहने की।

गैंगस्टर कूल होते हैं ऐसा लोग समझते हैं?

नहीं, ऐसा नहीं है। इस फिल्म को देखकर आपको ऐसा बिलकुल भी नहीं लगेगा।


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