एसआईटी की जांच पड़ी फीकी
बिलासपुर — फिजियोथैरेपिस्ट ज्योति ठाकुर मामला अब एक बार फिर ठंडे बस्ते में पड़ता नजर आ रहा है। इस मामले में न तो पुलिस विभाग कुछ खास बता पा रहा है और न ही परिवारवालों की मांग पर एसआईटी इंजार्च घुमारवीं डीएसपी राजेश कुमार कुछ बता पा रहे हैं। हालात ऐसे हो गए हैं कि डीएसपी राजेश कुमार ने तो फोन उठाना भी बंद कर दिए हैं। इस मामले की जांच में आखिरकार परिणाम होंगें क्या यह तो एसआईटी जांच बताएगी। इस तरह पुलिस प्रशासन व एसआईटी की जांच के बारे में कुछ न बताने से विभागीय अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। गौर हो कि छह सिंतबर को स्वास्थ्य विभाग बिलासपुर में फिजियोथैरेपिस्ट की संदिग्ध अवस्था में फंदा लगा हुआ पाया गया था, हालांकि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि मृतका ने फंदा लगाया हुआ है। इस बात का मृतका के परिवार वाले बिलकुल भी नहीं मान रहे हैं कि ज्योति ठाकुर ने आत्महत्या की है। इस दौरान कुछ सप्ताह पहले ज्योति के परिजनों व अन्य लोगों ने उपायुक्त कार्यालय व पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था, जिसमें पुलिस अधीक्षक अंजुम आरा ने इस मामले को एसआईटी से जांच करवाने के निर्देश दिए थे। अब सवाल यह पैदा होता है कि एसआईटी का गठन किए हुए दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है, लेकिन फिर भी एसआईटी की जांच में कोई नया बदलाव नहीं आया है। वहीं, ज्योति ठाकुर के भाई आशीष ठाकुर ने बताया कि टीम को दो सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी उन्हें जांच के बारे में बिलकुल भी नहीं बताया जा रहा है और न ही उन्हें एसआईटी की टीम पर अब भरोसा रहा है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इस मामले में एसआईटी का कोई खुलासा नहीं होता है तो वह एक बार फिर से धरना-प्रदर्शन करेंगे। इसमें वह इस मामले को सीबीआई से जांच करवाने के लिए प्रदेश सरकार से आग्रह करेंगे।
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