कविता

By: Sep 10th, 2017 12:05 am

शीतल

मैं एक नन्ही सी कठ-पुतली

चलना मुझको आता नहीं।

कपड़े पहनना अच्छा लगता है,

कपड़े धोना आता नहीं।

मैं एक नन्ही सी कठपुतली

चलना मुझको आता नहीं।

खाना खाना अच्छा लगता है,

खाना बनाना आता नहीं।

मैं एक नन्ही सी कठ-पुतली चलना मुझको आता नहीं। गाना सुनना अच्छा लगता है। गाना गाना आता नहीं

मैं एक नन्ही सी कठ-पुतली।


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