चुनाव जीतने की जिद और जिरह के साथ पांडे जी

By: Sep 22nd, 2017 12:04 am

newsचुनाव की गर्म रेत पर महीनों से तप रही हिमाचल की सियासत को मोती की तरह चुन रहे भाजपा के प्रदेश प्रभारी एवं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, अपने व्यावहारिक अक्स में दिखाई दे रहे हैं। भाजपा के सोशल नेटवर्क से भिन्न यथार्थ की पिच पर चलते हुए पांडे जब ‘दिव्य हिमाचल’ के चुनाव डेस्क से रू-ब-रू हुए, तो प्रश्नों के उत्तर किसी पर्वतीय झरने के मानिंद शीतल प्रवाह का बोध कराते रहे। समाचार डेस्क प्रभारी संजय अवस्थी, वरिष्ठ उपसंपादक अनिल अग्निहोत्री, राजेश शर्मा तथा जीवन ऋषि के साथ लंबी बातचीत से कुछ यूं निकले चुनावी लम्हे…

newsधीर-गंभीर व्यक्तित्व और शांत चेहरा। हिमाचल भाजपा के प्रभारी मंगल पांडे पहली नजर में सामने वाले पर कुछ ऐसी ही छाप छोड़ते हैं। हालांकि कुछ देर में ही उनका व्यक्तित्व रहस्य के पर्दे से बाहर आने लगता है। ‘दिव्य हिमाचल’ मुख्यालय में श्री पांडे ने संपादकीय टीम के साथ लगभग दो घंटे बिताए। इस दौरान अपने व्यक्तित्व के कई पहलुओं से वह खुद को रू-ब-रू करा गए। देश की राजनीति में धूमकेतु की तरह उभर रहे पांडे की आक्रामकता उनके विचारों में तो भरपूर है, पर अंदाज विशुद्ध शांत। चुनावी आंच में हौले-हौले तप रहे हिमाचल के लिए यह उस बिहार की राजनीति का नया साक्षात्कार है, जिसे पहाड़ में अपेक्षाकृत आक्रामक समझा जाता है। विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां शुरू होने से ठीक पहले हिमाचल के प्रभारी बनाए गए मंगल पांडे को महज पार्टी का केंद्रीय प्रतिनिधि समझना सही नहीं होगा। पिछले कुछ अरसे में वह लगभग पूरा प्रदेश नाप चुके हैं। उन्हें शुरुआती सितंबर की देर शाम पच्छाद में हुई जनसभा भी उतनी ही याद है, जितनी जुखाला के पास सड़क के पास खड़े किसानों से हुई गपशप। दो दशक से संगठन की भट्ठी में तप कर कुंदन बने पांडे कई पदों पर दायित्व का निर्वहन कर पहली बार किसी प्रदेश के संगठन प्रभारी बने हैं। यह बात अलग है कि गुजरे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान उनके पास उस अवध क्षेत्र का प्रभार था, जिसमें 83 विधानसभा क्षेत्र सिमटे हैं। यानी, हिमाचल से 15 हलके ज्यादा। इसके अलावा वह असम, छत्तीसगढ़ और दिल्ली के चुनावों में भी प्रभावित कर चुके हैं। बिहार भाजपा का अध्यक्ष बनाए जाने के तुरंत बाद वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में वह नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की पार्टियों जोरदार पटकनी देकर अपनी पार्टी को बड़ी बढ़त दिलाने में कामयाब रहे। सहयोगियों के साथ मिल कर 40 में से 31 सीटें जीतने का श्रेय भी उन्हें खूब मिला। हालांकि, इसके बाद हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जातीय गठजोड़ के सामने मंगल पांडे पिछली सफलता दोहरा नहीं पाए। हिमाचल में एक सियासी हकीकत है कि जो भाजपा नेता प्रदेश का प्रभारी बना, उसे राजनीति में ऊंचा ओहदा मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसकी सबसे बड़ी मिसाल हैं, जो हिमाचल के प्रभारी पद से सीधे गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। पिछले प्रभारी श्रीकांत शर्मा उत्तर प्रदेश कैबिनेट के मंत्री हैं, तो उससे पूर्व के प्रभारी कलराज मिश्र केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बने। अब इसे संयोग भी कहा जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनने के कुछ ही समय बाद मंगल पांडे बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का महत्त्वपूर्ण दायित्व संभालने के लिए चुने गए। यह स्पष्ट नहीं कि श्री पांडे मंत्री बनने का कितना श्रेय हिमाचल को देते हैं, लेकिन पहाड़ की दिक्कतों को वह बखूबी जान चुके हैं। यहां के लोगों और संस्कृति की तारीफ वह खुले दिल से करते हैं और यकीन भी दिलाते हैं कि प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर केंद्र में हिमाचल प्रदेश की पैरवी जरूर करेंगे।

मोदी का दूसरा घर है हिमाचल

news‘चुनावों की घोषणा होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल आएंगे और प्रदेश के संबंध में अपनी योजनाओं का खाका प्रस्तुत करेंगे’, ये शब्द मंगल पांडे ने मोदी के हिमाचल आगमन के संबंध में मुख्य उपसंपादक अनिल अग्निहोत्री के प्रश्न पूछने पर कहे। उनका कहना था कि नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से प्रदेश के चप्पे-चप्पे से वाकिफ हैं और उनसे बेहतर शायद ही कोई और प्रधानमंत्री इस हद तक प्रदेश से जुड़ा रहा है। पांडे यह बताना भी नहीं भूले कि गुजरात के बाद नरेंद्र मोदी सबसे अधिक समय यहीं रहे हैं और वह हिमाचल को अपना दूसरा घर मानते हैं।

हिमाचल के लोग देवतुल्य

newsबिहार और हिमाचल की राजनीति में अंतर के प्रश्न पर मंगल पांडे खुलकर बोले। शांत हिमाचल को देवभूमि की उपमा देकर उन्होंने यहां के लोगों को देवतुल्य बताया। ऐसे लोग जो मिलनसार हैं और मन की बात खुलकर करने में परहेज नहीं करते। बेहद संवेदनशील प्रकृति के हिमाचली इतने जागृत हैं कि थोड़ा सा कष्ट होने पर भी सरकार बदलते देर नहीं लगाते। यह खुलापन और ऐसी संवेदनशीलता देश में कहीं और शायद ही दिखती है।

चुनावी अखाड़े पर असहज

newsसंपूर्ण आत्मविश्वास और अधिकार के साथ सवालों का विस्तार से जवाब देने वाले मंगल पांडे को कुछ असहज होते देखना कम रोचक नहीं था। भाजपा में टिकट चाहवानों की लंबी होती सूची पर ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ के प्रधान संपादक ने पूछा कि आपकी पार्टी ने कहीं आवश्यकता से बड़ा चुनाव अखाड़ा तो नहीं खोद दिया? प्रश्नों के धराप्रवाह उत्तर दे रहे पांडे यह सुनकर कुछ देर के लिए विचार मग्न हो गए। फिर बोले, देखिए भाजपा ने किसी कार्यकर्ता को यह कहकर प्रचार में नहीं उतारा है कि आप उम्मीदवार हो सकते हैं। पार्टी का हर कार्यकर्ता इसका अपना है। टिकट की घोषणा के बाद सब चाहवान आधिकारिक उम्मीदवार के साथ चलेंगे, विश्वास रखिए।

नेतृत्व पर कन्नी काट गए नेताजी

newsप्रदेश भर के लिए यक्ष प्रश्न बने मसले से मंगल पांडे भी बचते नजर आए। डेस्क प्रभारी संजय अवस्थी ने पूछा कि चुनाव में भाजपा का नेतृत्व कौन करेगा और, अगर भाजपा की सरकार बनी तो उसका मुखिया कौन होगा। प्रदेश प्रभारी इस प्रश्न के लिए शायद पहले ही तैयार थे। तुरंत बोले, ‘देखिए इस विषय में कुछ कहना मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। मैं मात्र चुनाव अभियान से जुड़ा हूं, हर तरह की उम्मीदवारी व नेतृत्व का प्रश्न चुनाव समिति का दायित्व है। विश्वास रखिए समय पर सही फैसला होगा’ मंगल पांडे की बात का सीधा अर्थ यह समझ आया कि इंतजार की घडि़यां अभी शायद और लंबी हों।

यह भी…

* मंगल पांडे ने प्रदेश भाजपा महामंत्री पवन राणा को अपना पथ प्रदर्शक बताया।

* लगभग हर प्रश्न सुनकर सहज बने रहे भाजपा प्रभारी।

* राजनीतिक अनुभव के बल पर चतुराई से टाल गए कई सवाल।

* बिहार में अपने विभाग के अधिकारियों को खिलाते हैं चोरी नहीं करने की कसम।

* बोले, व्यक्तिगत तौर पर मुझे जच गए हैं हिमाचल के भले लोग।

सरकार बनी तो लक्ष्य तय

चुनाव के बाद प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो प्राथमिकताओं पर प्रदेश प्रभारी की प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं। वह मानते हैं कि भ्रष्टाचार मुक्त शासन, कानून व्यवस्था, महिलाओं के सम्मान की रक्षा, माफिया राज से मुक्ति और लटकी केंद्रीय योजनाओं पर फौरी एक्शन भाजपा सरकार की प्राथमिकता होगी।

 भेंट

‘भारत में राष्ट्रपति प्रणाली’

newsमुलाकात के दौरान ‘दिव्य हिमाचल मीडिया ग्रुप’ के एडिटर-इन-चीफ ने मंगल पांडे को ‘दिव्य हिमाचल’ के सीएमडी भानु धमीजा की चर्चित पुस्तक ‘‘भारत में राष्ट्रपति प्रणाली’’ भेंट की। पांडे तुरंत बोले, ‘मैं बड़ी देर से सामने रखी इस पुस्तक को देख रहा था।’  जब किताब की विषयवस्तु के बारे में मंगल पांडे को बताया गया तो भाजपा प्रभारी ने गहरी रुचि दिखाई। कुछ देर देखने के बाद बोले, ‘पुस्तक रोचक है। मैं पढ़कर आपको अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजूंगा।’

डोनाल्ड ट्रंप और कुल्लवी शाल

newsअमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी धर्म पत्नी को मोदी द्वारा भेंट किए गए हिमाचली तोहफों, यानी कुल्लवी शाल, कांगड़ा चाय, चांदी के कंगन और शहद को पांडे हिमाचल की शान से जोड़ते हैं। प्रधानमंत्री द्वारा इजरायल दौरे में कुल्लवी टोपी पहनने को भी वह इसी दर्जे में रखते हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर इन उत्पादों को बढ़ावा दिए जाने का दावा वह डंके की चोट पर करते हैं।

सत्ती की साफगोई के मुरीद

newsप्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती की साफगोई के मंगल पांडे भी कायल हैं। उनके अनुसार ऐसा स्पष्टवादी नेता मिलना मुश्किल है। बिना अधिक विवरण दिए उन्होंने एक हालिया चुनाव सभा का जिक्र किया। सत्ती लोगों को संबोधित कर रहे थे तो एक महाशय अचानक मंच तक आए और उन्हें पुष्पगुच्छ पकड़ा कर साथ लाए फोटोग्राफर से फोटो खिंचवाने लगे। वह कोई चुनाव लड़ चुके थे, जिसमें उन्हें 294 वोट मिले थे। गुलदस्ता हाथ में पकड़े-पकड़े सत्ती तुरंत जनता से मुखातिब हुए और बोले, ‘लो जी, आपके 294 वोट और बढ़ गए। बात पूरी करते-करते पांडे खिलखिलाकर हंस पड़े।’

पवन राणा की मुस्कराहट

newsप्रदेश भाजपा महामंत्री पवन राणा भी मंगल पांडे के साथ ‘दिव्य हिमाचल’ मुख्यालय पहुंचे थे। सवाल-जवाब के सिलसिले के दौरान राणा लगातार मुस्कराते रहे, पर चश्मे के पीछे छिपी उनकी आंखों के भाव पढ़ना हरगिज आसान नहीं था। हां बीच-बीच में कोई जरूरी फोन कॉल होने का हवाला देने उनका सहायक भीतर आता, तो वह तुरंत फोन सुनने के लिए आहिस्ता से बाहर की ओर चल देते।

टिकट बांटने को नहीं हुआ सर्वेक्षण

हिमाचल भाजपा में बेशक गुप्त सर्वेक्षण के आधार पर टिकट बंटने के नाम पर हंगामा बरपा हो, पर मंगल पांडे तो इससे ठीक विपरीत कह गए। मुख्य उपसंपादक राजेश शर्मा ने सवाल पूरा भी नहीं किया था कि तपाक से बोले, ‘भाजपा की टिकट निर्धारित करने के लिए न तो कोई सर्वे करवाया गया है और न ही रिसर्च।’ जब पूछा गया कि टिकट बंटेंगे किस आधार पर तो पांडे ने पार्टी के प्रति समर्पण और जनता में छवि का हवाला दिया। हां, जीतने की क्षमता को भी अपेक्षित योग्यता बताना नहीं भूले….


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