चौहाटे की जातर पर संकट के बादल
मंडी — अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के अंतिम दिन होने वाली प्राचीन, धार्मिक व विश्व प्रसिद्ध चौहाटे की जातर पर संकट पैदा हो गया है। चौहाटे के सौंदर्यीकरण के लिए चल रहे कार्य के बाद चौहाटा में जातर के लिए बैठने वाले देवी-देवताओं के लिए पर्याप्त जगह ही अब नहीं बचेगी। हालांकि अभी चौहाटे के सौंदर्यीकरण का कार्य जारी है। इसे लेकर जहां पहले ही व्यापारी वर्ग नाराज चल रहा है, वहीं अब अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव की अंतिम दिन होने वाली ऐतिहासिक चौहाटे की जातर पर भी संकट के बादल मंडराने शुरू हो गए हैं। इस मामले को लेकर अब सर्व देवता कारदार सेवा समिति भी चिंता में डूब गई है। वहीं अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव को पहले ही पड्डल मैदान से खलियार में बदलने का ऐलान ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा कर चुके हैं और ऐसे में चौहाटे से जातर को भी बदलने की अटकलें तेज हो गई हैं, जिसका विरोध अब सर्व देवता कारदार समिति ने कर दिया है। समिति की सोमवार को आयोजित बैठक में इस मुद्दे को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल शर्मा ने की। बैठक में उपस्थित कारदारों ने कहा कि चौहाटे की जातर का संबंध बाबा भूतनाथ मंदिर से है और सौंदर्यीकरण से चौहाटे में देवता के बैठने के लिए जगह ही नहीं बचेगी। वहीं इस मसले को लेकर अब उपायुक्त मंडी से समिति ने वार्ता करने का निर्णय लिया है और इसके बाद समिति इसे लेकर अगला निर्णय लिया गया है। वहीं बैठक में देवसदन का निर्माण कार्य शुरू न होने को लेकर रोष प्रकट किया। बैठक में यह भी मांग उठाई गई कि लंबी दूरी से आने वाले देवी-देवताओं को एक समान मानदेय दिया जाए और कम दूरी से आने वाले देवताओं को कम मानदेय दिया जाए। बैठक में देवी-देवताओं की स्मारिका बनाने की भी मांग की गई।
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