जड़ी-बूटियों में है कैंसर का उपचार

By: Sep 23rd, 2017 12:05 am

कैंसर एक घातक रोग है। अभी तक इस घातक रोग का सही इलाज विश्व की कोई भी पैथी नहीं ढूंढ पाई। इलाज के नाम पर केवल प्रयास है। कैंसर त्रुटिपूर्ण आहार-विहार एवं गलत जीवनशैली से होता है। कैंसर एक ऐसी भयावह बीमारी जिसके इलाज में वैज्ञानिकों द्वारा निरंतर रिसर्च जारी है, अभी भी इसके इलाज कीमोथैरेपी में आने वाला खर्च भी रोगियों को आर्थिक रूप से मुश्किल में डाल रहा है। कैंसर जैसी घातक बीमारी से बचने के लिए इसका इलाज पहले चरण में ही कराना बेहतर होता है, लेकिन कैंसर के ज्यादातर मामलों में इसका खुलासा तब होता है, जब यह अपनी प्रारंभिक अवस्था से आगे बढ़ चुका होता है। ऐसे में कीमोथैरेपी के अलावा कैंसर का और कोई इलाज नहीं होता और यह अत्यधिक तकलीफदेह होता है।  कैंसर के प्रमुख कारणों में पंचमहाभूतों का दूषित होना, जैसे हवा, पानी एवं खाद्य पदार्थों में जहरीली मिलावट, नशा तथा धूम्रपान विशेषकर इस जटिल व्याधि के लिए जिम्मेदार हैं। भारतीय ऋषियों के भी कुछ ऐसे विचार हैं। जैसे प्राण वायु के अभाव में जीव कोशिकाओं की श्वसन क्रिया वाधित होना, चयापचय की स्थिति और गंदगी सड़ने से वाष्पक्रिया वाली हवा से कैंसर होता है। वसा मानव शरीर की विद्युत चुंबकीय प्रणाली का संचालन करती है। वसा के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। गलत वसा खाने से अनेक जटिल व असाध्य रोगों जैसे गठिया, दमा, हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसे जानलेवा रोगों का सामना करना पड़ता है। जब तक वसा और मानव शरीर पर इसके दुष्प्रभावों को नहीं खोजा जाता तब तक उपरोक्त व्याधियों का इलाज ढूंढना मुश्किल है। कैंसर एक बहुत ज्यादा खतरनाक बीमारी है। यह शरीर के किसी भी भाग में एक गांठ के रूप में दिन-प्रतिदिन बढ़ने वाली बीमारी है। जब तक इस रोग के होने का लक्षण पता चलता है तब तक तो यह बीमारी शरीर में बहुत ज्यादा फैल चुकी होती है। यदि कैंसर रोग शरीर के किसी भी अंग में दिखाई देता है, तो भी यह पूरे शरीर का रोग है इसलिए इसका उपचार करते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि इसका इलाज स्थानीय उपचार करने के साथ-साथ पूरे शरीर को दोषमुक्त बनाने के लिए करना चाहिए। इस रोग से बचने के लिए जैसे ही इसके लक्षण पता चले तुरंत ही इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए।

हल्दी- हल्दी का उपचार भिन्न रोगों के उपचार में  प्राचीन काल से ही किया जाता रहा है। हल्दी को बहुत अच्छा रोगाणुनाशक माना जाता है।

प्रतिदिन हल्दी का सेवन करने से कैंसर जैसे असाध्य रोगों ेको भी दूर भगाया जा सकता है। हल्दी में कैंसर रोधी गुण होते हैं और यह शरीर को कैंसर से बचाती है। हल्दी में पाया जाने वाला कुकुर्मिन नामक तत्त्व कैंसर को समाप्त करने में मदद करता है।

आंवला- आंवले में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है। जो कार्सिनोजेनिक कोशिकाओं को बढ़ने से रोकते हैं और कैंसर से बचाव करते हैं। आंवला विटामिन सी का बहुत अच्छा स्रोत है।

काली मिर्च- हालही में कैंसर पर हुए शोध में यह बात सामने आई है कि महिलाओं के लिए काली मिर्च का सेवन बहुत लाभकारी होता है। काली मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, फ्लेवोनाइड्स और अन्य एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्त्व पाए जाते हैं, जो कैंसर को दूर करने में आपकी मदद करते हैं।

गिलोय- गिलोय एक बहुत ही आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। इसकी पत्तियों में कैल्शियम, फास्फोरस और तने में स्टार्च पाया जाता है। यह एक श्रेष्ठ एंटीबायोटिक है। गिलोय की जड़ों में शक्तिशाली  एंटीऑक्सीडेंट कैंसर की रोकथाम और उपचार में प्रयोग किया जाता है।


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