डाइनिंग टेबल पर न खाएं खाना

By: Sep 24th, 2017 12:05 am

भोजन या खाना हमारे जीवन की अनिवार्य आवश्यकताओं में से एक है। हमारी हिंदू संस्कृति में अन्न को देवता माना जाता है। इसलिए भोजन का सम्मान किया जाता है। प्राचीन समय में इसलिए भोजन को बाजोट यानी लकड़ी के पाटा पर रखकर ग्रहण किया जाता था। इसका कारण भी भोजन के प्रति आदर की भावना रखना ही था।  इसलिए जब कभी किसी खाने के बरतन पर अगर गलती से पैर लग जाता है तो कहा जाता है कि भोजन से क्षमा याचना करनी चाहिए। इसके अलावा हमारे यहां खाने की थाली में हाथ धोना भी उचित नहीं माना जाता है। जैन धर्म में तो भोजन के हर एक दाने को इतना सम्मान दिया जाता है कि इस धर्म के कई लोग थाली को धोकर पी लेते हैं। हिंदू धर्म के भी कई लोग इसका पालन करते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि भोजन की थाली में हाथ धोने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है और दरिद्रता आती है। चूंकि हमारी संस्कृति में अन्न को देवता माना जाता है। इसलिए कहा जाता है कि भोजन की थाली में हाथ धोने से अन्न देवता का अपमान होता है। दरअसल, इस मान्यता का मुख्य कारण यही है कि सभी भोजन के हर एक दाने का सम्मान करें और उसकी अहमियत को समझें। भोजन का एक दाना भी व्यर्थ नहीं जाए। भोजन शांत चित्त से भगवान का प्रसाद समझ कर ग्रहण करना चाहिए।  खाना खाते समय बात भी नहीं करनी चाहिए।


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