न्यू पेंशन स्कीम के 80 हजार कर्मियों को तोहफा

By: Sep 6th, 2017 12:05 am

वीरभद्र मंत्रिमंडल का फैसला; रिटायरमेंट या मृत्यु पर ग्रेच्युटी के रूप में मिलेगा दस महीने का पूरा वेतन, शिक्षक दिवस पर पीटीए भी किए खुश

newsशिमला— चुनावी बयार में मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को लोकहित के कई बड़े फैसले लेते हुए जहां फिर से नौकरियों की झड़ी लगाई, वहीं पीटीए व आईटी टीचरों को भी बड़ी राहत दी। सबसे बड़ा फैसला न्यू पेंशन पर लिया गया। सरकार ने विभिन्न विभागों में न्यू पेंशन स्कीम के तहत लगे करीब 80 हजार कर्मचारियों को गे्रच्युटी का तोहफा दिया है। इन कर्मचारियों को 25 साल का सेवाकाल पूरा होने के उपरांत सेवानिवृत्ति या मृत्यु पर 10 महीने का पूरा वेतन ग्रेच्युटी के रूप में मिलेगा। पिछले चार साल से ये कर्मचारी सरकार से डेथ कम रिटायरमेंट ग्र्रेच्युटी की मांग कर रहे थे, जिसे पूरा कर दिया गया है। केंद्र सरकार की तर्ज पर ही राज्य में न्यू पेंशन स्कीम के दायरे में आने वाले कर्मचारियों को यह वित्तीय लाभ मिल सकेगा। उधर, टीचर-डे पर आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन पीटीए (जीआईए) अध्यापकों की सेवाएं अनुबंध पर नहीं ली गई हैं, उन्हें पहली जून, 2017 से उनके समकक्ष अध्यापकों के बराबर वार्षिक वेतन वृद्धि व मानदेय सहित वित्तीय लाभ प्रदान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मंत्रिमंडल ने प्रदेश के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बिना किसी आय सीमा के सभी रोगियों को निःशुल्क दवाइयां एवं उपभोज्य वस्तुएं प्रदान करने का निर्णय लिया है। इंदिरा गांधी निःशुल्क औषधि योजना के अंतर्गत इसके लिए बजट में 71 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है तथा रोगियों को 330 निःशुल्क दवाइयां एवं उपभोज्य वस्तुएं प्रदान की जाएंगी। मंत्रिमंडल ने पंचायत चौकीदारों के मानदेय को 700 रुपए बढ़ाकर 2350 रुपए से 3050 रुपए कर दिया है। मुख्यमंत्री ने अपनी बजट घोषणा के अनुरूप इसे पहले ही 300 रुपए बढ़ाया गया था तथा इस निर्णय से इसमें 1000 रुपए (700+300) की वृद्धि होगी। मंत्रिमंडल ने विभिन्न विभागों में 1500 से ज्यादा पद भरने को भी मंजूरी दी। विश्व बैंक तथा जीका की सहायता से कार्यान्वित किए जा रहे वन विभाग के हिमाचल प्रदेश वानिकी समृद्धि परियोजना तथा हिमाचल प्रदेश वन ईको-सिस्टम प्रबंधन जीवनयापन सुधार परियोजना को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने इस परियोजना के प्रारंभिक चरण के लिए श्रम शक्ति सृजन को स्वीकृति प्रदान की है। यह प्रक्रिया मध्य हिमालयन जलागम विकास परियोजना तथा स्वां नदी परियोजना जैसे बाह्य वित्त पोषित परियोजनाओं के विभिन्न पदों को पुनः समायोजन के माध्यम से की जाएगी। हिमाचल प्रदेश वानिकी समृद्धि परियोजना का मुख्यालय  ऊना होगा, जबकि हिमाचल प्रदेश वन पारिस्थितिकीय प्रबंधन जीवनयापन सुधार परियोजना का मुख्यालय कुल्लू/शमशी में तथा इसका क्षेत्रीय कार्यालय रामपुर में होगा। इन दोनों परियोजनाओं में प्रारंभिक चरण में 67 लोगों की आवश्यकता होगी। मंत्रिमंडल द्वारा हमीरपुर जिला के बड़सर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को आवश्यक स्टाफ के सृजन सहित 50 बिस्तरों वाले नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की भी स्वीकृति प्रदान की।  मंडी जिला के करसोग तहसील के चूड़ीधार, ज्वालामुखी के शिहोरपाईं, हमीरपुर जिला के बिझड़ी के टिक्कर राजपूतां, सिरमौर जिला के भेड़ों, कुल्लू जिला के दुपकन तथा पालमपुर के ग्वाल टिक्कर में नए आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र/औषधालय खोलने को स्वीकृति प्रदान की गई है। प्रत्येक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र में तीन पद होंगे। बैठक में मंडी जिला के कटिंडी में आवश्यक पदों सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने लाहुल-स्पीति जिला के कोकसर में आवश्यक पदों सहित प्राथमिक स्वास्थ्य खोलने, सोलन के भ्युंखड़ी में पदों सहित नया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने, सोलन की ग्राम पंचायत मंधाला के बागूवाला में आवश्यक पदों सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र खोलने तथा स्वास्थ्य उपकेंद्र गोयला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने की स्वीकृति प्रदान की गई। कांगड़ा जिला के द्रंग में तीन पदों के सृजन सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया। शिमला जिला के शेलग में तीन पदों के सृजन सहित स्वास्थ्य उपकेंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने का निर्णय लिया गया। देहरा के खबली में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने को मंजूरी प्रदान की। सिरमौर जिला के स्वास्थ्य उपकेंद्र भवाई को पदों के सृजन सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्तरोन्नत करने का बैठक में निर्णय लिया गया। मंडी की बल्ह तहसील के नलसर, समलौण, बरसवैण तथा मल्वाणा में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने तथा सोलन की अर्की तहसील के शीलघाट में नया आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने जिला कुल्लू के दलाश में आवश्यक स्टाफ सहित राजकीय बहुतकनीकी केंद्र, मंडी के नेरचौक तथा जिला कांगड़ा के नगरोटा बगवां में आवश्यक स्टाफ सहित उप रोजगार कार्यालय खोलने तथा हिमाचल प्रदेश कर्मचारी/अन्य कामगार कल्याण बोर्ड के कार्यकाल की अवधि तीन साल करने का निर्णय भी लिया। मंत्रिमंडल ने काडर समीक्षा समिति की सिफारिशों के अनुसार हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की काडर संख्या को 206 से बढ़ाकर 228 करने का निर्णय भी लिया। मंत्रिमंडल ने जिला शिमला के रामपुर में देलाठ में नया राजकीय आईटीआई खोलने का निर्णय भी लिया। मंत्रिमंडल ने बसदेहरा (मैहतपुर) में उप तहसील खोलने को भी स्वीकृति दी। बैठक में जिला मंडी के पांगना में उप तहसील में पटवार वृत्त प्रेसी को समाहित करने को भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने बिलासपुर के कलोल स्थित राजकीय बहुतकनीकी कालेज का नाम नायब सूबेदार संजय कुमार पर रखने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने जिला शिमला की ग्राम पंचायत धरोगड़ा के संदोहा तथा ग्राम पंचायत चनावगद के मचरयाणा में नए पशु औषधालय खोलने, आवश्यक स्टाफ सहित पशु औषधालय धर्मपुर को स्तरोन्नत कर चिरगांव के जांगला में पशु अस्पताल करने की स्वीकृति प्रदान की। सोलन के विवांता माल में अवैध निर्माण की जांच और निर्णय के लिए एक कमेटी के गठन का भी फैसला हुआ।

आईटी शिक्षकों को फिक्स सैलरी

मंत्रिमंडल की बैठक में आईटी शिक्षकों को तय वेतन देने का फैसला लिए जाने की सूचना है। इसके अंतर्गत पांच वर्ष, 10 वर्ष और 10 से ज्यादा वर्ष से सेवाएं दे रहे आईटी शिक्षकों को क्रमशः 10 हजार, 12500 और 15000 की दर से भुगतान होगा।

चाय बागानों पर चर्चा तक नहीं

बैठक में चाय बागानों की बिक्री पर कोई चर्चा नहीं हुई। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व तरुण श्रीधर छुट्टी पर गए हैं। उनका अतिरिक्त कार्यभार देख रहे अरविंद मेहता भी शिमला में मौजूद नहीं थे। लिहाजा कैबिनेट एजेंडे में यह मामला शामिल ही नहीं था।


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