मुख्य सचिव से जवाब तलब
बताएं! भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की
शिमला— हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद राज्य सरकार द्वारा उन अधिकारियों को संवेदनशील पदों से नहीं हटाया गया, जो अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त पाए गए। इन तथ्यों को उजागर करने वाले पत्र को बतौर जनहित याचिका मानते हुए प्रदेश हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने ईटीओ गणेश दत्त को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब-तलब किया है। खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिए हैं कि वह शपथ पत्र के माध्यम से अदालत को बताएं कि अधिकारी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। कालाअंब की स्टील एसोसिएशन द्वारा मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र में आरोप लगाया गया कि राज्य सरकार द्वारा रिश्वतखोर अधिकारियों को संवेदनशील पदों से नहीं हटाया गया। उदाहरण देते हुए प्रार्थी ने शिकायत की कि ईटीओ गणेश दत्त ठाकुर के खिलाफ चंबा और नाहन में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत प्राथमिकियां दर्ज हैं। जांच के दौरान पाया गया कि अधिकारी ने रिश्तेदार के नाम बैंक में खाता खोला और रिश्वत की मोटी रकम उसमें जमा करवाता रहा। नादौन में उसने एक होटल कुलदीप ठाकुर के माध्यम से खरीदा, जबकि वह होटल अधिकारी की पत्नी मीनू ठाकुर के नाम है। मामले की सुनवाई 11 अक्तूबर को निर्धारित की गई है।
सायर मेले में बुल फाइट पर कोर्ट सख्त
शिमला — सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बावजूद मशोबरा में बुल फाइट के आयोजन पर प्रदेश हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। सुनील मोहन जेटली ने मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर कोर्ट ने ये आदेश पारित किए।
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