85 दिन तक कोमा में रहने के बाद जन्मी बच्ची

By: Sep 13th, 2017 12:03 am

NEWSपुणे— करीब 85 दिन तक कोमा में रहने वाली एक गर्भवती महिला को उसकी नवजात बच्ची के साथ बचाने में डाक्टरों ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। पुणे के रूबी हॉल क्लीनिक में पिछले 20 मार्च से मध्य प्रदेश के बुरहानपुर की रहने वाली 32 वर्षीय गर्भवती महिला प्रगति साधवानी का इलाज चल रहा था। लंबे समय तक कोमा में रहने के कारण परिजनों की सारी उम्मीदें खत्म हो चुकी थीं, लेकिन आखिरकार डाक्टरों ने महिला और उसके नवजात को बचा लिया। परिजनों ने अस्पताल की तारीफ में पीएम और मध्य प्रदेश के सीएम को भी पत्र लिखा है जिसकी जानकारी मिलने के बाद अस्पताल ने महिला के इलाज के खर्च से भी परिजनों को राहत दे दी। पिछले आठ वर्षों से डायबिटीज से पीडि़त प्रगति करीब साढ़े तीन महीने की गर्भवती थीं, जब उन्हें पिछली पांच मार्च को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया। एक निजी अस्पताल में इलाज शुरू हुआ, लेकिन हालात में ज्यादा सुधार नहीं होने के बाद परिजनों ने रूबी हॉल क्लीनिक में न्यूरोलॉजिस्ट डा.रूस्तम वाडिया से इलाज कराना शुरू किया। यहां पर 20 मार्च से प्रगति का इलाज डा.रूस्तम और उनकी टीम ने शुरू किया। बाद में प्रसवपूर्व इलाज के लिए इसी अस्पताल में गाइनकोलॉजिस्ट डा. सुनीता तेंदुलवाडकर की निगरानी में रखा गया। प्रगति करीब 17 सप्ताह की गर्भवती थीं, जब डाक्टरों की पूरी टीम ने उनके इलाज का पूरा खाका तैयार किया। डाइट से लेकर कई तरह की जांच और शुगर की मॉनिटरिंग के साथ हर स्तर पर सावधानी बरती गई, जिसके बाद यह रिजल्ट सामने आया। डा.सुनीता ने बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के करीब 85 दिन बाद पहली बार प्रगति ने बात की। धीरे-धीरे उसमें सुधार आना शुरू हुआ और उसने आसपास के माहौल को समझना शुरू किया। प्रगति करीब 132 दिन तक अस्पताल में भर्ती रहीं। इसमें से 22 दिन तो उसे हाई डिपेंडेंसी यूनिट में रखना पड़ा। बाद में सुधार को देखते हुए जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। डा. सुनीता ने बताया कि प्रगति ने जुलाई अंत में 2.2 किलोग्राम के एक स्वस्थ बेबी गर्ल को जन्म दिया है। हमारी कोशिश यही थी कि मां और नवजात को किसी भी तरह का कोई संक्रमण न हो। यह पूरी टीम की मेहनत है कि हम दोनों को बचा पाने में सफल रहे।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App