ज्वालामुखी को संवारने-सौंदर्यीकरण का मास्टर प्लान ‘फेल’

By: Oct 20th, 2017 12:05 am

पेयजल योजना न मिलने से टैंकर से पानी मंगवाकर लोग-यात्री बुझा रहे प्यास, प्रदेश की सरकारें नहीं निकाल सकीं उचित समाधान

ज्वालामुखी— विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्रीज्वालामुखी में सालाना लाखों की संख्या में मां के भक्त आते हैं, उसके बावजूद यहां पर बुनियादी सुविधाओं का अभाव लोगों को अखरता है। विश्व विख्यात तीर्थ स्थल होने के बावजूद ज्वालामुखी को वह मुकाम हासिल न हो सका, जिसका वह हकदार है। मास्टर प्लान के अंतर्गत ज्वालामुखी को संवारने व सौंदर्यीकरण करने के सभी दावे फेल हो गए हैं। ज्वालामुखी में सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है, परंतु न तो भाजपा और न ही कांग्रेस इस समस्या का कोई उचित हल निकाल सके। विधायक संजय रतन के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के साथ मधुर संबंधों के बावजूद ज्वालामुखी को 24 घंटे पानी की योजना न मिल सकी, आज भी लोगों को साल भर पानी के लिए तरसना पड़ता हैं। लोग पानी के टैंकर मंगवाकर अपनी व बाहर से आने वाले यात्रियों की प्यास बुझाते हैं। ज्वालामुखी में कूड़ा-कचरा संयंत्र पिछले 15 सालों से नहीं बन पाया, जबकि प्रदेश सरकार ने इसके लिए बाकायदा पैसा स्वीकृत करवाया है, परंतु भूमि हस्तांतरण व साइट सिलेक्शन का मामला आज दिन तक हल ही नहीं हो पाया है। इसकी वजह से शहर का टनों के हिसाब से कूड़ा-कचरा रोजाना चंगर क्षेत्र की कालीधार में खुले में फेंका जा रहा है, जो पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बना है। वहीं ज्वालामुखी का बस अड्डा आवारा पशुओं का जमावड़ा बना हुआ है। यहां पर रेहड़ी-फड़ी वालों की बादशाहत है, परंतु किसी में हिम्मत नहीं है कि इन कब्जाधारकों को उचित स्थान पर बिठा सके। ज्वालामुखी मुख्य मंदिर मार्ग पर आए दिन वर्षा होने पर हो रहे भू-स्खलन पर किसी को चिंता नहीं है। ज्वालामुखी मंदिर में करोड़ों की आय है, परंतु मंदिर के अधीन तारा देवी मंदिर के मार्ग के डंगे टूटे हए हैं, पौडि़यों की हालत खराब है। मारवल टूटा हुआ है, मंदिर व परिसर दयनीय हालत में हैं। यही हाल टेड़ा मंदिर मार्ग का है। ज्वालामुखी मंदिर न्यास का ही लाखों रुपए से बना संगीतमयी फबारा आज बंद पड़ा है। सिविल अस्पताल ज्वालामुखी में सफाई का बुरा हाल है। डाक्टरों व स्टाफ की कमी है। शहर में वाहनों को पार्किंग करने के लिए चिन्हित स्थल न के बराबर है। प्राचीन देवी तालाब लोगों की आस्था का केंद्र है और आज उसे कूड़ादान बनाकर रख दिया है।

सीवरेज अधूरा

ज्वालामुखी में भाजपा शासन में सीवरेज योजना मिली, तो इसका रखरखाव उचित तरीके से नहीं हो पा रहा है। कई क्षेत्रों में अभी भी सीवरेज का काम नहीं हो पाया है। कांग्रेस शासन में एडीवी का पैसा शहर में लग रहा है, परंतु अभी समय लगेगा। शहर में रज्जु मार्ग बनाने, मल्टी स्टोरी पार्किंग, मल्टी स्टोरी शापिंग कांप्लेक्स बनाने व अन्य कई योजनाओं को रूप देने के प्रयास तो हुए हैं, परंतु लोगों को भय है कि कहीं ये योजनाएं यहां पर रोजी-रोटी कमा रहे लोगों की रोजी न छीन लें।


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