बैजनाथ में बताया, कैसे मिलते हैं भगवान श्रीराम

By: Oct 18th, 2017 12:05 am

बैजनाथ —  जिस मन में छल-कपट नहीं,उसके करीब श्रीराम सबसे पहले पहुंच जाते हैं। श्रीराम का हर चरित्र समाज के लिए आदर्श है, चाहे पिता का हो, चाहे भाई का हो, या फिर चाहे एक राजा का। ये उदगार श्रीरामकथा के नौवें दिन डिजिटल बाबा स्वामी राम शंकर महाराज ने व्यक्त किए। बैजनाथ बस स्टेशन के निकट पंडोल रोड स्थित नागेश्वर महादेव मंदिर में मंगलवार को श्री रामचंद्र राजतिलक की कथा का रसपान भक्तों को करवाया गया। स्वामी जी ने कहा कि यदि हम निरंतर श्रीराम के सुमिरन चिंतन में अपना मन लगाएं, तो हमारे मन एवं जीवन पर भगवान का सुशासन बना रहता है। श्रीराम चरित के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि वैसे तो भगवान के समस्त नाम रूपों में तनिक भी भिन्नता नहीं है, सबमें एक ही ब्रह्मः समाया हुआ है, पर श्रीराम रूप में जो अवतार इस धरा धाम पर हुआ, वे सबसे श्रेष्ठ है। श्रीराम रूप में उनका किरदार पुत्र का हो या भाई का का, वनवासी का हो या राजकुमार का,वह समाज के लिए आदर्श पेश करते हैं। कथा के समापन दिवस पर पंडित सुरेंद्र आचार्य जी के कुशल निर्देशन में वैदिक विधि से सामूहिक हवन कार्यक्त्रम संपन्न हुआ। इसके बाद विशाल भंडारे में क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालु जन उपस्थित हुए। श्रीरामकथा आयोजन के समन्वयक डा. राकेश शर्मा ने समस्त सहयोगीजन का आभार ज्ञापन किया। द्वारका सूद, अभय सूद, कुश अखिल सूद,रामू, ओमप्रकाश, सुशील, डा. अजय शर्मा, गायत्री, डा . गुलयानी, राकेश कुमार, राजिंद्र डोगरा, आशीष महाजन, विष्णु, मदन कपूर, बेद चौधरी, स्वरूप अवस्थी ,राकेश राणा,रमेश शर्मा, केसी शर्मा एवं विपन आदि मौजूद रहे।


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