मॉडलिंग के आकाश पर अनुपमा

By: Oct 29th, 2017 12:07 am

माडलिंग एक दिन की कला नहीं है, इसमें रोज कुछ नया और अलग करने की जरूरत होती है। सैकड़ों-हजारों लोगों के बीच खुद को प्रजेंटेबल बनाना और लोगों का दिल जीत पाना आसान नहीं है। क्योंकि इस पेशे में लुक्स के साथ ही आपकी पर्सनेलिटी और प्रेजेंस ऑफ  माइंड का होना भी बेहद जरूरी है। यह कहना हैं मिसेज यूनिवर्स गोल्डन हार्ट-2017 का टाइटल जीतकर सुर्खियों में आई नालागढ़ की अनपुमा शर्मा का। बतातें चलें कि हाल ही में अनुपमा शर्मा ने साउथ अफ्रीका के डर्बन में संपन्न हुई मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में मिसेज यूनिवर्स गोल्डन हार्ट-2017 का टाइटल अपने नाम किया। अनुपमा ने प्रतियोगिता के हर राउंड में अपने टेलेंट व प्रतिभा के जरिए कई देशों के प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया। जून 2017 में मिसेज अरब एशिया का खिताब जीतने के बाद मिसेज यूनिवर्स के लिए उनका चयन हुआ था। डर्बन में 9 दिनों तक चले इस ब्यूटी पेजेंट के दौरान अनुपमा द्वारा महिला सशक्तिकरण पर दी गई अनूठी प्रस्तुति ने खूब वाहवाही लूटी। उन्होंने इस प्रतियोगिता के दौरान कई ब्रांडेड कंपनियों के कई अन्य स्पैशल अवार्ड व टाइटल भी जीते। मिसेज यूनिवर्स गोल्डन हार्ट का टाइटल जीतकर गौरवान्वित महसूस कर रही अनुपमा कहती हैं कि विदेश में अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम करना किसी ख्वाब के हकीकत बनने जैसा है। आत्मविश्वास से लबरेज अनुपमा अपनी ताकत और आदर्श अपनी मां को मानती हैं। बकौल अनुपमा उन्होंने अपनी मां से विकट हालात में भी सकारात्मक सोच के साथ जिंदगी को जीना सीखा है। ब्यूटी पेजेंट्स में पार्टिसिपेट करने के लिए जहां अनुपमा की मां ने हमेशा उन्हें प्रेरित किया, वहीं पति और सास -ससुर का सहयोग भी आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहन देता रहा। अनुपमा बताती हैं कि मॉडलिग की दुनिया में मेरे सफर की शुरुआत जुलाई 2016 में मिसेज पंजाबन इंटरनेशनल का खिताब जीतने से हुई। फि र नवंबर 2016 में मिसेज इंडिया का खिताब हासिल किया और कई अन्य सब टाइटल भी अपने नाम किए। नालागढ़ के वार्ड नंबर 6 में पिता बृज मोहन डंडोरा व माता प्रोमिला डंडोरा के यहां जन्मी अनुपमा पढ़ाई में तो होनहार थी ही, स्कूल से लेकर कालेज तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में भी अव्वल आती रही। अनुपमा कहती है कि मेरे पिता ने हमेशा मुझे शैक्षणिक, वाद-विवाद सहित अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। अनुपमा की स्कूली शिक्षा नालागढ़ से हुई जबकि बीसीए व एमबीए की पढ़ाई चंडीगढ़ से की है। अनुपमा की शादी 6 साल पूर्व नालागढ़ के दत्तोवाल निवासी राजीव शर्मा से हुई है, फिलवक्त दोनों पति-पत्नी चंडीगढ़ में सैटल हैं।

लक्ष्य के प्रति समर्पित हों

बकौल अनुपमा अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हैं तो आप अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। उनके मुताबिक खूबसूरत सिर्फ  वही नहीं जो ताज पहनता है, बल्कि असल खूबसूरती तो मन की खूबसूरती है। ईश्वर पर अटूट विश्वास रखने वाली अनुपमा कहती हैं कि मेरे सपने को हकीकत बनाने में ईश्वर ने बहुत मदद की है। अनुपमा को पेंटिंग, कुकिंग, टीवी देखना और डांस करना अच्छा लगता है। वह चंडीगढ़ के एक एनजीओ के साथ जुड़ कर समाज के पिछड़े व जरूरतमंद लोगों के उत्थान के लिए भी कार्य कर रही हैं।

अब तक जीते हैं ये अवार्ड

अनुपमा अरब एशिया 2017, यूनिवर्स फाइनलिस्ट 2017, मिसेज इंडिया 2016, मिसेज पंजाबन इंटनेशनल 2016, मिसेज इंडिया मोस्ट फ ोटोजेनेटिक टाइटल, मिसेज बेस्ट कैटवॉक टाइटल, मिसेज मोस्ट ब्यूटीफुल आइज टाइटल, मोस्ट पॉपुलर इन सोशल मीडिया अवार्ड तथा वूमन ऑफ  सबस्टेंस अवार्ड भी जीत चुकी हैं।

गेस्ट रिलेशन आफिसर भी रहीं

अनुपमा ने एमबीए, फैशन डिजाइनिंग में एडंवास डिप्लोमा तथा विमानन और आतिथ्य प्रबंधन में डिप्लोमा भी किया है। उन्हें 10 साल का अनुभव है। इसके अलावा उन्होंने तीन साल गेस्ट रिलेशन आफिसर व दो साल एयर होस्टेस के रूप में भी काम किया।

मुलाकात

बिना प्रयास और मेहनत के सफलता संभव नहीं…

आपको कब लगा कि मॉडलिंग का क्षेत्र आपके लिए ही है?

मैं बचपन से ही सोचती थी कि मैं भी एक दिन रैंप पर वॉक करूंगी। मेरा माता-पिता भी मुझे प्रोत्साहित करते थे कि पढ़ाई के साथ- साथ अन्य गतिविधियों में भी हिस्सा ले और मैं हिस्सा लेती थी।

हिमाचल के एक छोटे से क्षेत्र से निकलकर दुनिया जीतने तक का सफर कैसा एहसास देता है?

यह एक सपना सच होने जैसा लगता है। यह जादुई एहसास और गौरवमयी पल है। मैं इस उपलब्धि के लिए ईश्वर का धन्यवाद करती हूं। अपने समस्त परिवार का धन्यावाद करती हूं, जिन्होंने हमेशा मेरे लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

कोई ऐसा वाकया जो आपकी जिदंगी का टर्निंग प्वाइंट बन गया?

ईश्वर की इच्छा से मेरी जिदंगी में टर्निंग प्वाइंट तब आया जब मिस पंजाबन इंटरनेशनल का खिताब मैंने जीता। उसके बाद कभी भी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।

अपनी सफलता का श्रेय आप किसे देना चाहेंगी, आपके रोल मॉडल कौन हैं?

अपनी सफलता का श्रेय मैं अपने माता-पिता, पति, सास-ससुर और समस्त परिवार को देना चाहूंगी, जिन्होंने हमेश मुझे प्रोत्साहित किया।

हिमाचल के लिए आपके दिल में कैसी भावना, कितनी जगह?

‘सत्यम और शिवम, है सुंदररम, हिमाचल मेरा वतन है, झरनों की झनन, पत्तो की खनन। कहीं बादल, कहीं लिए गगन। ये हिम से ढकी हुई चोटियां कहीं  पर ऊंची कहीं पर छोटियां। ये दिलकश नजारे, ये ठंडी पवन। हर लेती है हर किसी का मन।

क्या आपका लक्ष्य पहले से निर्धारित था या सब संयोग से होता गया?

बचपन से ही कुछ अलग प्रबल करने की इच्छा थी और संयोग ही कह सकते हैं  क्योकि अचानक ही मैंने मिस पंजाबन इंटरनेशल का ऑडिशन दिया और इस खिताब को जीतने के साथ मेरा सफर शुरू हो गया।

कर्म और मेहनत में आप किसे ज्यादा आंकती हैं?

मेरा मानना है कि बिना प्रयास और मेहनत के कुछ भी संभव नहीं है तो कर्म करो फल की इच्छा न करो।

जब आपने मिसेज यूनिवर्स गोल्डन हार्ट-2017 का खिताब जीता, तो आपके लिए दुनिया कितनी बदली और आप खुद कितना बदल गईं?

मैं  तो नहीं बदली, पर दुनिया बदल गई। पर सब बहुत अच्छा लगता है मेरे लिए यह आशीर्वाद है। जो दुनिया से मुझे इतना प्यार और सम्मान मिल रहा है। सब मेरी उपलब्धि से गर्व महसूस करते हैं।

इसके बाद आपका लक्ष्य?

मेरा लक्ष्य घरेलू हिंसा के प्रति महिलाओं में जागरूकता फैलाना है।

अनुपमा की ख्वाहिश, जो इस खिताब से भी बड़ी है?

आजकल जो विश्व का वातावरण है, वह प्रदूषित हो गया है। परमाणु बम से प्रदूषण का खतरा है। जो आमने-सामने खड़े हैं, मानव जाति का विनाश करना चाहते हैं उन लोगों को इन खतरों के प्रति जागरूक करना चाहती हूं।

-विपिन शर्मा, बीबीएन


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