सोलन में ससुर और दामाद के बीच जंग

By: Oct 20th, 2017 12:02 am

कांग्रेस से धनीराम शांडिल और भाजपा से राजेश कश्यप रोचक बनाएंगे मुकाबला

सोलन— निर्वाचन क्षेत्र सोलन में भाजपा व कांग्रेस की सत्ता की धुरी अब एक ही परिवार में सिमट जाएगी। यहां से ससुर व दामाद के बीच द्वंद युद्ध होगा। राजनीतिक अखाडे़ में कांग्रेस की ओर डा. धनीराम शांडिल व भाजपा की ओर से डा. राजेश कश्यप आमने-सामने होंगे। डा. धनीराम शांडिल भाजपा प्रत्याशी डा. राजेश कश्यप के ससुर हैं। प्रदेश की राजनीति में अब यह मुकाबला रोचक होगा कि जब ससुर व दामाद के बीच जुबानी जंग के साथ-साथ अपनी ही रिश्तेदारी में मतदाताओं को रिझाने के प्रयास होंगे। प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में शायद यह पहली अनूठी शुरूआत हुई है। डा. शांडिल कांगे्रस की टिकट पर चुनाव लड़कर मंत्री पद का सुख भी भोग चुके हैं। इस बार पुनः कांग्रेस ने उन पर दांव खेला है। भाजपा की ओर से सोलन निर्वाचन क्षेत्र से किसे मैदान में उतारा जाए, इस पर कई दिनों से व्यापक मंथन चल रहा था। टिकट की दौड़ में कुमारी शीला, तरसेम भारती व डा. राजेश कश्यप के नाम चर्चा में थे। मंडल आरएसएस व अन्य अग्रणी संगठनों की भी इच्छा थी कि टिकट शीला कुमारी या तरसेम भारती में से किसी को मिले, किं तु ऐन वक्त पर डा. राजेश कश्यप को मैदान में उतार कर ससुर-दामाद को रोचक जंग में झोंक दिया। बीते दिवस ही भाजपा सोलन मंडल  की बैठक में पैराशूट से नेता उतारने के प्रबल विरोध हुए थे। डा. राजेश कश्यप आईजीएमसी में वरिष्ठ चिकित्सक थे। हाल ही में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृति के लिए सरकार को आवेदन किया था।

वीरेंद्र कश्यप के हैं भाई

डा. राजेश कश्यप शिमला संसदीय क्षेत्र से सांसद प्रो. वीरेंद्र कश्यप के छोटे भाई हैं। इस तरह इस नए समीकरण से कांगे्रस व भाजपा में इसी परिवार का अधिपत्य हो गया है।

गोविंद शर्मा का टिकट कटा

भाजपा द्वारा उम्मीदवारों को जारी सूची में जिले के अर्की निर्वाचन क्षेत्र में भी उलटफेर हुआ है। यहां से दो बार विधायक रह चुके गोविंद राम शर्मा का टिकट काटकर युवा नेता रतन पाल को मैदान में उतार दिया गया है। उधर, कांगे्रस से वीरभद्र सिंह के अर्की से चुनाव लड़ने की मुहर लग चुकी है।


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