17 फीसदी बढ़ेगी केंद्रीय कर्मियों की सैलरी

By: Oct 12th, 2017 12:04 am

newsनई दिल्ली— न्यूनतम वेतन पाने वाले केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 17 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय ले लिया गया है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से एक न्यूज वेबसाइट ने यह रिपोर्ट दी है। इस फैसले के तहत केंद्रीय कर्मियों का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपए से बढ़कर 21 हजार रुपए हो जाएगा और इसका लाभ पहली जनवरी, 2018 से केंद्रीय कर्मियों को मिलेगा। इस प्रस्ताव पर विसंगति समिति एवं वित्त मंत्री एक बार और विचार करेंगे और फिर यह विषय कैबिनेट में जाएगा, लेकिन एक बड़ी बात यह कि अब तक न्यूनतम वेतन पा रहे केंद्रीय कर्मियों को सरकार वेतन संशोधन के अनुरूप कोई एरियर नहीं देगी, जो भी बढ़ा वेतन उन्हें मिलना है वह पहली जनवरी, 2018 से ही प्रभावी होगा। इसके पीछे कारण जीडीपी में आई गिरावट को बताया जा रहा है और सरकार को अभी आर्थिक दबावों का सामना करना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्रीय कर्मियों के वेतन में संशोधन किया गया था और न्यूनतम वेतन सात हजार रुपए से 18 हजार रुपए कर दिया गया था, लेकिन इस फैसले से कर्मचारी संगठन नाराज थे। आयोग ने फरवरी 2014 में अपनी सिफारिशें दी थी, जिसे मोदी सरकार ने अस्तित्व में आने के बाद लागू किया। इस पर कर्मचारी संघों ने तब नाराजगी जताई थी और कहा था कि 70 साल में केंद्रीय कर्मियों की तनख्वाह सबसे कम मात्र 14.27 प्रतिशत बढ़ी है, जो लिविंग स्टैंडर्ड के अनुरूप नहीं है. उन्होंने सरकार पर इस पर विचार करने के लिए दबाव डाला और निचले स्तर के कर्मियों का न्यूनतम वेतन कम से कम 26 हजार करने का दबाव बनाया, जिसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मामले को नेशनल एनोमली कमेटी यानी राष्ट्रीय विसंगति कमेटी को सौंप दिया। इस कमेटी व मजदूर संगठनों के बीच लगातार वार्ता जारी थी और इस वार्ता के आधार पर ही न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए करने पर सहमति बनी थी। ध्यान  रहे कि वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, केंद्रीय कर्मियों का अधिकतम वेतन 80 हजार रुपए को बढ़ाकर 2.25 लाख रुपए किया गया था, वहीं कैबिनेट सेक्रेटरी के लिए यह 2.50 लाख रुपए है। सभी स्तर के कर्मियों के लिए यह वेतन संशोधन फिटमेंट फैक्टर के आधार पर 2.57 गुना था, लेकिन अब निचले स्तर के कर्मियों की तनख्वाह में वृद्धि होने पर यह उनके लिए तीन गुना हो जाएगा। अगर इसे 26 हजार किया जाता तो यह 3.68 गुना हो जाता, जिसके लिए सरकार तैयार नहीं हुई।

साढ़े सात लाख शिक्षकों को फायदा

नई दिल्ली— केंद्र सरकार ने केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों और कालेजों के शिक्षकों को दिवाली से पहले सातवें वेतन आयोग का तोहफा दिया है। इससे 7.5 लाख शिक्षकों को फायदा पहुंचेगा। केंद्रीय कैबिनेट ने इस वेतन वृद्धि को मंजूरी दी है। बढ़ा हुआ वेतन पहली जनवरी, 2016 से लागू होगा। इस फैसले का ऐलान केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने किया। श्री जावड़ेकर ने कहा कि एजुकेशन सेक्टर में प्रतिभाशाली लोगों को आकर्षित करने और उन्हें बनाए रखने के लिए यह फैसला किया गया है। वह इसे शिक्षकों को तोहफा नहीं, बल्कि उनके साथ न्याय कहेंगे। मानव संसाधन मंत्री ने बताया कि शिक्षकों के वेतन में अलग-अलग श्रेणियों में 10 हजार से 50 हजार रुपए तक का इजाफा हुआ है। यह वेतन वृद्धि 22 प्रतिशत से लेकर 28 प्रतिशत के बीच है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय संस्थानों के शिक्षकों की वेतन वृद्धि से केंद्र पर सालाना 1400 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा, जबकि राज्य विश्वविद्यालयों और कालेजों के शिक्षकों की वेतन वृद्धि पर सालाना 8400 करोड़ रुपए का भार पड़ेगा।


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