अल्बर्ट आइंस्टीन
अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक थे। आइंस्टीन ने कई वैज्ञानिक सिद्धांतों में अपना विशेष योगदान दिया है। इन योगदान में सपेक्धता ब्रह्मांड, अणुओं की ब्राउनियन गति, केशिकीय गति, क्वांटम सिद्धांत, विकिरण के सिद्धांत, प्रकाश का उष्मीय गुण और भौतिकी का ज्यामितीकरण मुख्य रूप से शामिल है। आइंस्टीन ने पचास से अधिक शोधपत्र और विज्ञान से संबंधित किताबें लिखी हैं। अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म 14 मार्च, 1879 को जर्मनी में वुटेमबर्ग के यहूदी परिवार में हुआ था। उनके पिता इंजीनियर थे। बचपन में आइंस्टीन को बोलने में बहुत कठिनाई होती थी, लेकिन वह पढ़ाई में अव्वल नंबर पर थे। 1889 में मैक्स तल्मुड ने दस वर्षीय आइंस्टीन को विज्ञान के महत्त्वपूर्ण ग्रंथो से परिचित करवाया। छह साल तक तल्मुड ने आइंस्टीन को गणित-विज्ञान के मुख्य सिद्धांत तथा युक्लिड एलिमेंट्स की जानकारी दी। 1900 में गणित और भौतिकी में स्नातक होने के बाद पेटन्च आफिस में आसिस्टेंट की नौकरी मिली। इस दौरान उन्होंने चार पेपर प्रकाशित किए। आज इन पेपरों को बहुत बड़ी सफलता के रूप में माना जाता है। वर्ष 1905 को आइंस्टीन का श्रेष्ठ वर्ष माना जाता है। 26 साल की उम्र में उन्हें यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिच द्वारा पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई। आइंस्टीन के महत्त्वपूर्ण सिद्धांत और भौतिकी में दी अपनी सेवाओं के लिए उन्हें1921 का भौतिकी नोबेल पुरस्कार दिया गया। 1999 में टाइम पत्रिका ने उन्हें शताब्दी पुरुष घोषित किया। इस प्रकार 76 वर्ष तक उन्होंने विज्ञान को अपनी सेवा दी। 17 अप्रैल, 1955 को उनका देहांत प्रिंस्टन अस्पताल में हुआ। अस्पताल के पैथोलोजिस्ट थोमस स्टोल्ज हार्वी ने आइंस्टीन का ब्रेन शरीर से अलग करके अपने पास रख लिया। उसे लगता था की शायद भविष्य में आइंस्टीन इतने बुद्धिजीवी क्यों थे इसका पता लगाने में न्यूरोसायन्स को इससे कुछ मदद मिले।
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