इनके प्रयास भी सराहनीय रहे
रमन पालसरा जेल रोड, मंडी
आज युवा रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं। सरकार नौकरी के आवेदन के लिए इतनी ज्यादा फीस रख देती है कि इन युवा बेरोजगारों के लिए यह फीस देना मुमकिन नहीं होता। राजनीतिक दलों को अपने चुनावी एजेंडे में इस बात को शामिल करना चाहिए था, पर किसी ने भी ऐसा नहीं किया। सरकारी नौकरी के लिए आवेदन तो निशुल्क होने चाहिए…
शगुन हंस योल, कांगड़ा
हिमाचल में चुनाव संपन्न हो गए हैं। प्रत्येक प्रत्याशी ने अपना ऐजेंडा भी जनता के सामने रखा है। और लगभग हर एजेंडे में पिछली घिसी-पिटी बातें ही दोहरा दी गईं। क्या हिमाचल के नेता हर बार इसी तरह प्रदेशवासियों को प्रलोभन देकर वोट हथियाकर लोकतंत्र का मजाक उड़ाते रहेंगे। किसी भी दल ने प्रदेश को कर्ज मुक्त करने की बात अपने एजेंडे में नहीं घोषित की…
प्यार चंद ककोण,हमीरपुर
चुनावों में राजनीतिक दलों के एजेंडे में सिर्फ वोट लुभावनी बातें ही दिखी। घोषणापत्र में सरकारी नौकरियों की बात तो हुई, पर सत्ता में आते ही सरकार सरकारी क्षेत्र में नौकरियों में कटौती कर देती है। कुछ लोग तो अनुबंध पर ही सारी नौकरी कर रिटायर हो जाते हैं। कुछ युवा तो नौकरी की राह देखते-देखते ओवरएज हो जाते हैं और फिर आस छोड़ देते हैं नौकरी की…
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