एक साल से हिचकोले खा रहा ईको सर्किट प्रोजेक्ट

By: Nov 24th, 2017 12:02 am

शिमला — हिमाचल में पर्यटन से जुड़े प्रोजेक्ट्स का क्या आलम होता है, यह एक इसकी मिसाल हो सकती है। स्तरीय पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से तैयार किया गया ईको सर्किट प्रोजेक्ट एक साल से फाइलों में ही दफन है। यह प्रोजेक्ट वन विभाग द्वारा तैयार किया गया था, जिसे पर्यटन विभाग के जरिए केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय को मंजूरी के लिए भेजा जाना था, मगर इस प्रोजेक्ट की आगामी कार्रवाई ही नहीं चल सकी, जबकि केंद्रीय मंत्रालय द्वारा कई राज्यों को ऐसे प्रोजेक्ट मंजूर भी किए गए हैं। न तो वन विभाग के अफसरों को इस फाइल का पता है औ न ही पर्यटन विभाग के किसी अधिकारी को। इसे 16 ईको सर्किट्स में लागू किया जाना है। यह ऐसा पहला बहुआयामी प्रोजेक्ट होगा जिसमें ईको टूरिज्म के साथ-साथ ट्रैकिंग का भी रोमांच होगा। ग्रामीण व दूरदराज के लोगों को इसके जरिए रोजगार व स्वरोजगार जुटाने का भी प्रयास है। वन विभाग ने पहली बार प्रदेश में 16 ईको सर्किट तैयार किए थे। ऐसे सर्किट उन इलाकों में विकसित किए जाने की योजना है, जहां पर्यटन के लिए अपार संभावनाएं हैं। ईको टूरिज्म में रोमांच देने के लिए यह एक बड़ी योजना है, जिसमें विदेशी सैलानियों के साथ-साथ स्टूडेंट्स को बड़ी संख्या में जोड़ा जा सकता है। इसका मकसद हिमाचल आने वाले पर्यटकों को अलग आकर्षण में जोड़ना तो होगा ही, ट्रैकर्ज के लिए भी अलग से ऐसे रूट तैयार किए गए हैं, जहां वे रोमांचकारी यात्रा का अनुभव कर सकें। पश्चिम हिमालय के संवेदनशील इ्रको सिस्टम में मौसम बदलाव किस तरह से हो रहा है, अनुसंधानकर्ता इन सर्किट के जरिए ये जानकारी हासिल कर सकते हैं, प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ-साथ नशा विरोधी अभियान को भी इससे जोड़ा जाएगा। हिमाचल के नैसर्गिक सुंदरता से युक्त दुर्गम क्षेत्रों में सैलानियों को लाया जा सके, ताकि वे हिमाचल की वास्तविक सुंदरता से अवगत हों, इस मकसद से भी इस प्रोजेक्ट को दूरदराज के क्षेत्रों के लिए भी तैयार किया गया था। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के विकास को भी इससे जोड़ने की कवायद थी, जो एक वर्ष से फाइलों में दफन है।

विदेशियों की बढ़ेगी आमद

जानकारों की राय में यदि नई सरकार में यह प्रोजेक्ट सिरे चढ़ जाता है तो नए ईको सर्किट की तरफ विदेशी सैलानी टै्रकिंग के आकर्षण में बांधे जा सकते हैं। प्रकृति की गोद में रहने की सुविधा के चलते हिमाचल में उनकी आमद बढ़ेगी।

नीदरलैंड टूअर पर अफसर

वन विभाग का कार्यभार देख रहे अतिरिक्त मुख्य सचिव तरुण कपूर प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो पाए। वह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सचिव संजय सूद व एक अन्य अधिकारी प्रवीण गुप्ता के साथ हफ्ते भर के टूअर पर नीदरलैंड गए हैं। प्रदूषण पर आधारित किसी क्षमता निर्माण संबंधी कार्यशाला पर आधारित यह टूअर बताया गया है। कपूर 25 नवंबर को लौटेंगे। अन्य अफसरों का कहना था कि वही इस बारे में कुछ प्रतिक्रिया दे सकते हैं।


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