करोड़ों की योजनाओं पर आचार संहिता

By: Nov 18th, 2017 12:02 am
नाबार्ड ने पिछले महीने दी है मंजूरी, ग्रामीण सड़कें, पेयजल-सिंचाई स्कीमें शामिल

शिमला— हिमाचल प्रदेश के लिए करोड़ों रुपए की ग्रामीण सड़कों, पेयजल व सिंचाई की योजनाएं आचार संहिता के चलते फंस गई हैं। नाबार्ड ने बाकायदा इन योजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी है, परंतु राज्य सरकार इस पर आगे कुछ नहीं कर पाई। क्योंकि नाबार्ड से जो मंजूरी मिली वह आचार संहिता लगने के एक दिन पहले आई, जिसके अगले ही दिन यहां पर आचार संहिता लग गई। इस कारण से अब आचार संहिता समाप्त होने का इंतजार किया जा रहा है। इन योजनाओं को आगे लागू नहीं किया जा सका। सूत्रों के अनुसार ये मामला वित्त विभाग के पास फंसा है, जिस पर अभी यह फैसला भी नहीं हो पाया कि चुनाव आयोग से इस पर मंजूरी मांगी जाए या नहीं। एक-दो दिन में इस पर स्थिति साफ हो जाएगी, परंतु अभी वित्त विभाग ने आगे चुनाव आयोग को इस संबंध में कुछ नहीं भेजा है। प्रदेश में 12 अक्तूबर को चुनाव आचार संहिता लागू हो गई थी, जिससे एक रोज पहले नाबार्ड से ग्रामीण सड़कों, पेयजल व सिंचाई स्कीमों के लिए उसने मंजूरी दी थी। इससे पहले भी करीब 400 करोड़ रुपए से अधिक की योजनाएं नाबार्ड ने मंजूर कर दी थी, तब आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू नहीं थी। हालांकि चुनाव आयोग ने नई मिली योजनाओं को स्वीकृति आसानी से मिल सकती है, परंतु मामला आगे नहीं भेजा गया है। सूत्र बताते हैं कि ये योजनाएं भी 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की हैं। इनको लेकर अधिकारियों ने चर्चा भी की, लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया। नाबार्ड के पास हिमाचल की कई योजनाएं अभी लंबित हैं। नाबार्ड से लोन  लेकर पहाड़ी राज्य में विकास के काम आगे बढ़ रहे हैं। इसमें सड़कों व पुलों के महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट रहते हैं। इस लोन की राशि में हिमाचल सरकार भी हिस्सेदारी देती है। सूत्र बताते हैं कि वित्त विभाग शायद इसी कारण से नई स्वीकृत योजनाओं को चुनाव आयोग को नहीं भेज पा रहा है, क्योंकि उसके पास आर्थिक तंगी है। राज्य सरकार को इसमें अपना शेयर डालना पड़ेगा और इसके लिए फिलहाल पैसा नहीं होगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App