टीचर ही नहीं था तो क्यों दिया छात्रों को दाखिला
शिमला— चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय में बीएससी अंतिम वर्ष में दाखिला लेने वाले छात्रों को पढ़ाने के लिए संबंधित विषय का शिक्षक नहीं है। इस पर हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए प्रधान सचिव (शिक्षा), यूजीसी और कृषि विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। छात्रों द्वारा लिखे गए पत्र पर संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट ने यह कार्रवाई की है। यह मामला गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की खंडपीठ के समक्ष रखा गया था। छात्रों ने पत्र में आरोप लगाया है कि बीएससी अंतिम वर्ष में एक्सपेरिमेंटल लर्निंग कोर्स में दाखिला लेना होता है। छात्रों ने टी-हसबेंडरी एवं टेक्नोलॉजी विषय में दाखिला ले लिया, जबकि विश्वविद्यालय में इस कोर्स को पढ़ने के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं, जिस कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई है। छात्रों ने हाई कोर्ट को पत्र लिख कर आग्रह किया है कि दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए और विश्वविद्यालय प्रशासन से यह पूछा जाए कि उनके पास यह विषय पढ़ाने के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं थे तो उन्हें दाखिला क्यों दिया गया। अदालत ने प्रतिवादियों से जवाब-तलब किया है।
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