दूषित जल का संकट
राजेश कुमार चौहान, सुजनापुर टिहरा
हिमाचल में कभी जल के प्राकृतिक स्रोतों का भंडार हुआ करता था, लेकिन आज जल आपूर्ति को लेकर चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। नगरोटा सूरियां में दूषित पानी लगभग 248 लोगों की सेहत का दुश्मन बन गया। प्रदेश में दूषित जल के कारण लोगों की जो सेहत खराब होती है, उसके लिए सरकार और प्रशासन ही ज्यादा जिम्मेदार हैं। सत्ताधारियों की तो आदत बन चुकी है आग लगने के बाद कुआं खोदने की। कई बार तो कुआं खोदने की भी कोशिश नहीं की जाती, बस लापरवाहियों पर शिकंजा कसने का आश्वासन देकर ये अगली लापरवाही तक लंबी तान के सो जाते हैं। प्रदेश में न तो अब तक पानी को दूषित करने वाले ज्यादा कारक हैं और न ही नदियों में किसी तरह की गंदगी डाली जा रही है। फिर हिमाचल का पानी क्यों लोगों की सेहत का दुश्मन बन रहा? प्रदेश की राजधानी भी इस समस्या से जूझ चुकी है। जीवन को सीधे-सीधे प्रभावित करने वाले विषयों पर भी क्यों हमारे शासन-प्रशासन गंभीर नहीं होते?
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