निरमंड में ‘हाडे मेरे मामुआ…’

By: Nov 21st, 2017 12:04 am

निरमंड — निरमंड के ऐतिहासिक जिला स्तरीय बूढ़ी दिवाली मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या कुल्लू के मशहूर कुल्लवी लोक कलाकार इंद्रजीत के नाम रही। करीब नौ बजे मंच संभालते ही उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत अपने लोकप्रिय गाने हाडे मेरे मामुआ, जोता रा मिरग से की। उनके इस गाने के साथ उपस्थित दर्शक अपने आपको नहीं रोक सके तथा अपनी-अपनी जगह पर उठकर सब नाचने लगे। मामुआ के रोल में कुल्लवी गायक करतार कौशल ने अपने नाच से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इसके पश्चात हे मामा, पोधरे खेचा, दुई जाना जाचा ले, बाजी लोड़ी महाराज आदि एक से बढ़कर एक कुल्लवी व हिमाचली गानों से इंद्रजीत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने तालियां व सीटियां बजाकर कड़कती ठंड में माहौल को गर्म कर दिया। रात दस बजे तक लोग इंद्रजीत के जादू में बंधे रहे, समय समाप्ति के बाद भी दर्शक वंस मोर वंस मोर करते रहे, परंतु प्रशासन ने न्यायालय के आदेशों के चलते दस बजे के बाद कार्यक्रम रोक दिया, जिससे दर्शक मायूस होकर घर लौटे। पहली सांस्कृतिक संध्या के मुख्य अतिथि नागरिक चिकित्सालय निरमंड के डाक्टर घनश्याम वर्मा थे। इससे पूर्व स्थानीय कलाकार नरेश भारती ने अपने गानों नातली नागा, आपु ता चाली गे निरमंडा रे आदि गीत गाकर दर्शकों का मनोरंजन किया। इसके अलावा अंबिका पब्लिक स्कूल निरमंड, लॉर्ड परशुराम पब्लिक स्कूल निरमंड के बच्चों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का मन जीता। डांस कुल्लू डांस के फाइनल में पहुंची निरमंड की नैंसी व दीपिका ने भी अपनी खूबसूरत प्रस्तुतियों से दर्शकों के दिलों में अपनी गहरी छाप छोड़ी। मंच संचालन का कार्य अपने अलग-अलग अंदाजों में जाने-माने मंच संचालक एसी भारद्वाज व सुशील वैद्य ने बखूबी निभाया। इससे पहले शाम के समय निरमंड के रामलीला मैदान में लगी स्थनीय पारंपरिक नाटी का मेले में आए लोगों ने भरपूर आनंद लिया। आराध्य देव ढरोपु के नृत्य के उपरांत नाटी समाप्त हुई। लोगों ने देवता साहिब के पास शीश नवा कर आशीर्वाद प्राप्त किया।


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