पतलीकूहल ट्राउट फार्म सिखा रहा मत्स्य पालन

By: Nov 21st, 2017 12:05 am

पतलीकूहल — 27 वर्ष पहले जिस ट्राउट फार्म में नार्वेजियन व हिमाचल सरकार के सहयोग से भारत नार्वे ट्राउट कृषि परियोजना की आधारशिला रखी गई, आज वह फार्म पूर्ण रूप से स्वावलंबी हो गया है। एशिया में यह एकमात्र ऐसा ट्राउट फार्म है, जहां से देश-विदेश के निजी व सरकारी मत्स्य पालक ट्राउट फार्मिंग की बारीकियों को सीख रहे हैं। इस परियोजना का मुख्य ध्येय किसानों को ट्राउट पालन से स्वरोजगार के मार्ग सृजित करना था, जिसमें यह फार्म पूर्ण रूप से सफलता के मार्ग पर अग्रसर हुआ है। आज यह देश में ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के लिए भी ट्राउट फार्मिंग की तकनीक देने में सक्षम है। देश के पहाड़ी राज्यों के मछली विभाग तो यहां आकर ट्राउट पालन की तकनीक अपना रहे हैं। ट्राउट फार्म पतलीकूहल में पाकिस्तान, बांग्लादेश और भुटान के मत्स्य विशेषज्ञों का दल भी यहां आकर ट्राउट पालन की अपार सफलता से प्रेरित होकर ट्राउट फार्मिंग की ओर प्रदेश सरकार से संपर्क साधे हुए है। यहां से ट्राउट बीज को भी दूसरे देशों को उनकी मांग के अनुसार दिया जा रहा है।  हर वर्ष प्रदेश के लगभग 50 से 60 किसानों को प्रशिक्षण प्रदान करने वाला यह फार्म आज इस दहलीज पर खड़ा है, जो ट्राउट पालन के साथ-साथ किसानों को आहार, बीज व इसमें रोगों के निदान के लिए बरती जाने वाली सुरक्षा भी प्रदान करवा रहा है। अत्याधुनिक उपकरणों से लैस इस फार्म में रोग निवारण लैब, प्रशिक्षण केंद्र, आधुनिक फीड मील, आइस प्लांट जैसे संयंत्र स्थापित हैं, जिससे किसानों को इससे भारी मदद मिल रही है। भारत-नार्वे ट्राउट कृषि ट्राउट परियोजना में प्रदेश सरकार ने विभाग के साथ इस तरह का समन्वय बनाकर रखा कि आज कुल्लू में ही तकरीबन 52 के करीब छोटे-बड़े ट्राउट फार्म विकसित हो चुके हैं। सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत बेरोजगार इसका लाभ उठाकर स्वरोजगार अर्जित कर रहे हैं। वर्ष 1996-97 में कुल्लू जिला में निजी ट्राउट पालकों की संख्या मात्र एक थी व राजस्व दो लाख 26 हजार था। 20 वर्षों से निरंतर प्रगति करते हुए यह फार्म राज्यकोष में औसतन 70  लाख रुपए प्रतिवर्ष राजस्व प्रदान कर रहा है। वर्ष 2006-07 के बाद इस फार्म से हर वर्ष 14 मीट्रिक टन ट्राउट का विक्रय और 70  लाख रुपए से अधिक राजस्व एकत्रित करके अपने आप में स्वावलंबी फार्म की छाप छोड़ी है। हिमाचल में तकरीबन 150 निजी ट्राउट इकाइयां हैं, जिसमें कुल्लू जिला में ही 50 ट्राउट फार्म पूर्ण रूप से सक्रिय हैं, जो हर वर्ष पांच से 25 मीट्रिक टन तक उत्पादन कर रहे हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App