पांवट में प्राइवेट लैब में लुट रहे रोगी

By: Nov 21st, 2017 12:05 am

पांवटा साहिब — रोजाना 700 ओपीडी वाले उपमंडल पांवटा के एकमात्र सिविल अस्पताल पांवटा में अभी तक भी डिजिटल एक्स-रे मशीन नहीं है। डिजिटल एक्स-रे अस्पताल में न होने के कारण रोजाना सैकड़ों मरीजों को एक्स-रे के लिए निजी लैब का रुख कर अतिरिक्त धन खर्च करना पड़ रहा है। मरीजों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में एक्स-रे मशीन लगाए जाने की मांग विभाग से की है। जानकारी के मुताबिक पांवटा सिविल अस्पताल जहां जिला की चार विधानसभाओं का केंद्र है, वहीं यहां पर पड़ोसी राज्य उत्तराखंड और हरियाणा के पांवटा की सीमा से सटे गांवों से भी मरीज उपचार करवाने आते हैं। यहां पर रोजाना शिलाई, रेणुकाजी, नाहन विधानसभा के लोग तो उपचार करवाने आते ही हैं। साथ ही पांवटा की जनता का भी यह एकमात्र सरकारी उपचार का अस्पताल है। यहां पर रोजाना लगभग 600 से 700 ओपीडी दर्ज होती है, जिसमें 100 से 150 मरीज रोजाना अस्थि रोग के होते हैं। यहां पर साधारण एक्स-रे तो होते हैं, लेकिन डिजिटल एक्स-रे की सुविधा से यह अस्पताल अभी भी अछूता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अस्थि रोग के अधिकतर मरीजों को चिकित्सक द्वारा डिजिटल एक्स-रे की सलाह दी जाती है। अस्पताल में यह सुविधा न होने के कारण मजबूरन मरीजों को निजी लैब में जाकर डिजिटल एक्स-रे करवाना पड़ता है। इसके लिए उन्हें अधिक राशि भी खर्च करनी पड़ती है। स्वयंसेवी संस्था हिमाचल यूथ ब्रिगेड के पदाधिकारी इंद्रजीत सिंह मिक्का, दीपक दूबे और दर्शन सिंह खालसा आदि का कहना है कि पांवटा सिविल अस्पताल का बड़ा भवन तो खड़ा कर दिया है, लेकिन इसमें सुविधाओं का अभाव है। यहां पर न तो अभी तक लिफ्ट लगी है और न ही जनरेटर की सुविधा है। डिजिटल एक्स-रे की सुविधा न होने पर मरीजों को निजी क्लीनिकों की लैब में लुटना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार और विभाग को अल्टीमेटम दिया है कि यदि यह सुविधाएं अस्पताल में जल्दी नहीं आई तो वह फिर से प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगे। उधर, इस बारे अस्पताल के प्रभारी डा. संजीव सहगल ने बताया कि उन्होंने अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे मशीन लगाने की मांग विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजी है। उम्मीद है अस्पताल में यह सुविधा जल्द उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने माना कि अस्पताल में यह सुविधा न होने के कारण रोजाना दर्जनों मरीजों को बाहर से यह एक्स-रे करवाने पड़ते हैं।


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