बच्चों में बढ़ता मोटापा

By: Nov 4th, 2017 12:05 am

मोटापा कई स्वास्थ्य समस्याओं का प्रमुख कारण है और विश्व स्तर पर लगभग दो अरब बच्चे और वयस्क इस तरह की समस्याओं से पीडि़त हैं। आजकल बच्चों में मोटापे की वृद्धि दर वयस्कों की तुलना में बहुत अधिक है। ओवरवेट और मोटापे से ग्रस्त बच्चे कम उम्र में बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। टीवी, इंटरनेट, कम्प्यूटर व मोबाइल गेम्स में अधिक लगे रहने से आउटडोर खेल उपेक्षित हुए हैं। बचपन के मोटापे से ग्रस्त बच्चों में बड़े होकर भी अनेक समस्याएं बनी रहती हैं। बचपन में अधिक वजन और मोटापा अन्य जीवनशैली विकारों जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप,  मेटाबॉलिक सिंड्रोम आदि को जन्म दे सकता है। इसलिए बच्चों में मोटापे को रोकने और नियंत्रित करने की आवश्यकता है। मोटापे से ग्रस्त बच्चों और किशोरों में स्लीप एपनिया जैसे रोग और सामाजिक व मनोवैज्ञानिक समस्याएं अधिक हो सकती हैं, जिससे उन्हें आत्म सम्मान की कमी जैसी समस्याओं से दो चार होना पड़ सकता है।

बच्चों को दें अच्छी आदतों की सीख – डा. अग्रवाल के अनुसार बच्चों में शुरुआत से ही अच्छे पोषण संबंधी आदतें पैदा करना महत्त्वपूर्ण है। सही उम्र से ही पर्याप्त शारीरिक गतिविधि सुनिश्चित करना हर बच्चे के विकास का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। जो बचपन के मोटापे के विरुद्ध लड़ाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बचपन में स्वस्थ आदतों का मतलब है एक स्वस्थ नागरिक का निर्माण।

अस्वस्थ आदतों से ऐसे निपटें

शुरुआत में ही स्वस्थ खाने की आदतों को प्रोत्साहित करें। कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ कम ही दें।

उच्च वसायुक्त और उच्च चीनी या नमकीन वाले नाश्ते को सीमित ही रखें।

बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय होने का महत्त्व बताएं। प्रतिदिन कम से कम 60 मिनट की तेज शारीरिक गतिविधि में बच्चों को भी शामिल करें।

 


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