बम षड्यंत्र कांड में अमरनाथ को दस साल जेल

By: Nov 15th, 2017 12:03 am

बम  षड्यंत्र कांड में इनकी संबद्धता को लेकर इन्हें 1926 ई. से 1936 ई. तक दस वर्ष की जेल हुई। 1945 ई. में उन्हें दोबारा सर्वश्री कन्हैया लाल, लाला जिया लाल और बख्शी राम के साथ पालमपुर में कैद कर लिया गया। 1957-66 तक वह पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे…

पंडित अमरनाथ शर्मा

इनका जन्म छह फरवरी, 1900 ई. को कांगड़ा जिला, तहसील पालमपुर के घुग्गर गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री माधव शर्मा था। उन्होंने एफएमसी की थी। वह अपना चिकित्सीय अध्ययन (लाहौर मेडिकल कालेज) छोड़कर महात्मा गांधी के आह्वान पर भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस में शामिल हो गए। उन्होंने 1919 ई. में भारतीय राष्ट्रीय कांगे्रस के लाहौर सत्र में शिरकत की। बम षड्यंत्र कांड में इनकी संबद्धता को लेकर इन्हें 1926 ई. से 1936 ई. तक दस वर्ष की जेल हुई। 1945 ई. में उन्हें दोबारा सर्वश्री कन्हैया लाल, लाला जिया लाल और बख्शी राम के साथ पालमपुर में कैद कर लिया गया। 1957-66 तक वह पंजाब विधानसभा के सदस्य रहे। 1967 ई. में उन्हें हिमाचल प्रदेश कांगे्रस कमेटी का अध्यक्ष चुना गया।

अमृता शेर गिल

इनका जन्म हंगरी के बुडापेस्ट में 30 जनवरी, 1913 ई. को हुआ। इनकी शिक्षा पूर्ण रूपेण हुई, जिसमें संगीत के पाठ तथा प्यानो वादन भी शामिल थे। अमृता के पिता उमराओ सिंह मजीठिया एक सिख कुलीन पुरुष थे और वह बिलकुल भिन्न वातावरण से संबंध रखते थे। उनके दादा अतरसिंह जो मजीठिया वंश के संस्थापक थे, (मजीठिया अमृतसर के निकट एक गांव है) को कुछ गांव तथा एक नियमित वार्षिक मानदेय दिया जाता था और उसे महाराज रणजीत सिंह द्वारा अपने अधीन क्षेत्र का मुखिया नियुक्त किया गया था। जब उमराओ सिंह के पिता सूरत सिंह का देहांत हुआ तो वह और उसका छोटा भाई सुंदर सिंह नाबालिग थे। उमराओ सिंह की शादी कैप्टन गुलाब सिंह की बेटी से हुई, जब वह बिलकुल नौजवान था, परंतु कुछ समय के बाद वह मर गई। उनके चार बच्चे थे-बलराम सिंह, सत्यराम सिंह, प्रकाश (बेटी) और विवेक सिंह। जल्दी ही उमराओ सिंह लंदन चल गए। वह वहां कुछ समय रहे, पंरतु चार फरवरी, 1912 ई. को उमराओ सिंह ने सिख रीति के अनुसार मैरी एंटोनियम से लाहौर में शादी कर ली। लाहौर में शादी के बाद वह यूरोप गए और 1912 ई. के अंत में बुडापेस्ट पहुंचे। वहां पर अमृता का जन्म हुआ। वह काले रेशमी बालों वाली एक सुंदर बालिका थी, बाल नीचे गर्दन तक पहुंचते थे। उसकी बड़ी आंखें अनोखे आश्चर्य से संसार का सर्वेक्षण करती दिखाई देती थीं। वह अपने प्रारंभिक वर्षों से ही विस्मयीकारी ढंग से सुयोग्य थी। शेरगिल परिवार ने ‘डूनाहरसजटी’ के एक बहुत बड़े घर में चार साल गुजारे, जिसके साथ लगता एक बड़ा बाग था। अमृत के लिए, अपनी बहन इंदिरा और उनका चचेरा भाई विक्टर जो अधिक समय उनके साथ व्यतीत करता था। प्रत्यक्षतः यह एक सुखद समय था। डूनाहरसजटी के सुंदर वातावरण में अमृता व उमराओ सिंह और मैरी दस वर्ष तक हंगरी में रहे।                    —क्रमशः


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