श्रीश्री की पहल को सुन्नी बोर्ड का झटका
अयोध्या — आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर अयोध्या विवाद पर सुलह की पहल में जुटे हुए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने बुधवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से करीब आधे घंटे तक मुलाकात की। इसके बाद गुरुवार को वह अयोध्या जाकर मामले के पक्षकारों से बात करेंगे, लेकिन उनकी इस पहल को झटका दिया है सुन्नी वक्फ बोर्ड ने। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने श्रीश्री के प्रस्ताव को टालते हुए 16 नवंबर को अयोध्या में मुलाकात से इनकार कर दिया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड से समर्थन जताते हुए आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी बातचीत से मना कर दिया है। इन दोनों मुस्लिम बॉडीज का कहना है कि श्रीश्री के पास इस मामले में कोई लीगल स्टैंड नहीं है और इसलिए वह बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा रहे हैं। इससे पहले अयोध्या में शिया वक्फ बोर्ड की मामले के पक्षकारों से बातचीत में भी सुन्नी बोर्ड ने आपत्ति जताई थी। सुन्नी बोर्ड के पक्षकार इकबाल अंसारी ने मीटिंग से बाहर निकलकर शिया बोर्ड के चेयरमैन रिजवी के फार्मूले को एकपक्षीय बताकर खारिज कर दिया था। पिछले कुछ हफ्तों से आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर अयोध्या मुद्दे के समाधान के लिए अपनी कोशिशों में तेजी दिखा रहे हैं। बुधवार को योगी के साथ मुलाकात पर रविशंकर ने सीएम के साथ इस विवाद के समाधान के तरीकों पर बात की। बता दें कि अयोध्या विवाद को सुलझाने के लिए रविशंकर पहल कर रहे हैं, लेकिन कई लोगों ने इसमें असहमति भी जताई है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर को निशाने पर लेते हुए कहा था कि वह संत नहीं हैं, जो उनकी बात को मान ही लिया जाए। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर बनवाना रविशंकर के बस की बात नहीं।
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