अर्की के आकाश में भी चमके वीरभद्र सिंह

By: Dec 19th, 2017 12:06 am

गृह जिला को छोड़ दूसरे विधानसभा क्षेत्र से चनुव लड़ते हुए भी शान से चूम ली कामयाबी

सोलन – करीब 60 वर्षों से राजनीति के क्षितिज पर धु्रव तारे की तरह चमकने वाले वीरभद्र सिंह का तिलिस्म अब भी कायम है। कांग्रेस प्रत्याशी व निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अर्की से पहली बार चुनाव लड़ने के साथ ही विजयश्री को भी चूम लिया।  उन्होंने भाजपा के प्रतिद्वंदी युवा चेहरे रतन पाल को 6051 मतों से पराजित किया। अर्की निर्वाचन क्षेत्र में कुल 84581 मतदाता थे। इनमें से 64211 मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। कांग्रेस के वीरभद्र सिंह को 34499 मत व भाजपा प्रत्याशी रतन पाल को 28448 मत प्राप्त हुए। इसके अलावा विजय चौहान 289, विजय राजपूत 445 व नोटा के तहत 530 मत पडे़। निवर्तमान मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के लिए यह चुनाव बहुत मायने रखता था। उन्होंने अपने जीवन काल में अब तक चार बार विधानसभा क्षेत्रों में पलायन किया है। हालांकि कयास लगाए जा रहे थे कि राजनीति के धुरंधर वीरभद्र सिंह के आगे भाजपा के युवा व नए चेहरे रतन पाल घुटने टेक देंगे तथा मुख्यमंत्री कम से कम 25 हजार मतों से विजयी होंगे, परंतु अर्की निर्वाचन क्षेत्र की जनता ने इस युवा चेहरे को भी सिर-आंखों पर बिठाया तथा रतन पाल 28 हजार से भी अधिक मत बटोर गए। अर्की के इतिहास में यह पहली बार है कि भाजपा प्रत्याशी को 28 हजार 448 मत प्राप्त हुए हैं। वीरभद्र सिंह जुब्बल-कोटखाई, रोहडू, शिमला ग्रामीण व अब अर्की इत्यादि से चार अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ने वाले प्रदेश के एकमात्र नेता हैं।

वीरभद्र सिंह बोले; कैसे हारे, करेंगे आत्मचिंतन

शिमला— मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी अपने सिर पर ली है। उन्होंने कहा कि कहीं न कहीं कोई कमी रही होगी, जिस वजह से कांग्रेस मिशन रिपीट नहीं कर पाई। इसकी वक्त आने पर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रादेशिक विकास में क्योंकि संसाधनों की कमी जरूर रही, लिहाजा कहीं न कहीं दिक्कतें भी हो सकती हैं, बावजूद इसके आत्मचिंतन होगा। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का इस हार में कोई रोल नहीं कहा जा सकता। उन्होंने जितना प्रचार हो सकता था, किया। बहरहाल, पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता भी हार के लिए सफाई देते हुए मिले। बावजूद इसके मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अर्की से जीत पर उनके समर्थकों ने अर्की के साथ-साथ जहां होलीलॉज में जश्न मनाया, वहीं उन्हें मुबारिक देने वालों की भी भीड़ देखी जा सकती थी। वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य का यह पहला चुनाव था, उनकी शिमला ग्रामीण से जीत पर मुख्यमंत्री न केवल गदगद थे, बल्कि उनके समर्थकों में भी विक्रमादित्य को बधाई देने की होड़ थी। कांग्रेस के दिग्गजों की इस जीत के बावजूद कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में सन्नाटा पसरा था। कयास यही लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस 25 का आंकड़ा पार कर लेगी, मगर ऐसा नहीं हो सका।


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