इमामुद्दीन को मिला ‘फकीर चंद मेमोरियल नेशनल इंटीग्रेशन अवार्ड’

By: Dec 6th, 2017 12:05 am

जवाहर लाल नेहरू और डा. वाईएस परमार की प्रतिमा उन की सर्वोत्कृष्ट कृतियों का प्रदर्शन है। 25 फरवरी, 1966 ई. को हिमोत्कर्ष साहित्य, संस्कृति और जनकल्याण परिषद ने कला के क्षेत्र में उनके श्रेष्ठ कार्यों के लिए ‘फकीर चंद मेमोरियल नेशनल इंटीग्रेशन अवार्ड’ दिया…

भाई हिरदा राम

इनका जन्म मंडी जिला के मंडी नगर में 28 नवंबर 1855 ई. में हुआ। इनके पिता का नाम श्री गज्जन सिंह था। गदर पार्टी द्वारा प्रकाशित समाचारपत्र और स्वामी कृष्णानंद उनके प्रेरणा के स्रोत बने। क्रांतिकारियों के बीच में इन्हें ‘भाई जी’ के नाम से जाना जाता था। 1914 ई. में अमृतसर में वह रास बिहारी बोस, डा. मंथरा सिंह, भाई परमानंद और पिंगले के संपर्क में आए। वह रास बिहारी बोस के विश्वासपात्र बन गए। 31 दिसंबर, 1914 ई. को वीरपाली धर्मशाला में, कामरेडों की मीटिंग में उन्हें बंब बनाने का काम दिया गया। इस काम के केंद्र  बने लाहौर, अमृतसर और मंडी। हिरदा राम ने 21 अगस्त 1965 ई. को अंतिम सांस ली।

इमामुद्दीन

इनका जन्म 1945 ई. में नाहन के अमरपुर मोहल्ला में हुआ। इनके पिता का नाम रोशन अली था। 1962 ई. में मैट्रिक परीक्षा पास की। ललित कला में डिप्लोमा किया और पांच वर्ष की संतगराशी की डिग्री पास की। हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग में अध्यापक के रूप में नौकरी की। संगतराश इमामुदीन की अपनी कला में इतनी निपणुता थी कि वह कुछ ही घंटों में सादा मिट््टी को कोई भी आकार दे सकते थे। उनकी रचनाओं में पांवटा साहिब के टोकियो गांव में ‘बाबा बालकनाथ की प्रतिमा’ गिरिनगर में ‘हनुमान मूर्ति’ और पांवटा साहिब के यमुना पार्क में ‘गांधी का प्रतिमा’ है। जवाहर लाल नेहरू और डा. वाईएस परमार की प्रतिमा उन की सर्वोत्कृष्ट कृतियों का प्रदर्शन है। 25 फरवरी, 1966 ई. को हिमोत्कर्ष साहित्य, संस्कृति और जनकल्याण परिषद ने कला के क्षेत्र में उनके श्रेष्ठ कार्यों के लिए ‘फकीर चंद मेमोरियल नेशनल इंटीग्रेशन अवार्ड’ दिया। 2011 ई. में कुछ दिन बीमार रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।

जगदंबे चंद

इनका जन्म दो जून, 1931 ई. को तहसील व जिला हमीरपुर (अब तहसील सुजानपुर) डाकघर पटलांदर गांव बड़ोग में हुआ। उन्होंने एमए की शिक्षा के बाद एलएलबी की। पंजाब विश्वविद्यालय के होशियारपुर कालेज से स्वर्ण पदक विजेता रहे। 1963 ई. में वकालत शुरू की और हमीरपुर बार-एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे। हिमाचल प्रदेश जन संघ के 1967 से 1972 और 1972 से 1977 तक उपाध्यक्ष व अध्यक्ष रहे। 1993-94 ई. में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई उपाध्यक्ष रहे। 1977 ई. में प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और फरवरी 1980 में जनता पार्टी के पतन तक इसके राजस्व मंत्री रहे।

मार्च 1982 तथा मार्च 1985, दोनों अवसरों पर पुनः भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुए। वह 1985-86 ई. में सार्वजनिक लेखा समिति के चेयरमैन रहे। वह 1990 में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा के लिए चुने गए और परिवहन, राजस्व और पंचायती राज मंत्री रहे। उन्होंने पुनः 1993 ई. में हमीरपुर से विधानसभा का चुनाव जीता। दिसंबर 1993 ई. में उनकी मृत्यु हो गई।                      —क्रमशः


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App